BMO को हटाए जाने का स्वास्थ्य कर्मियों ने किया विरोध,हड़ताल की चेतावनी..

कोरबा। खंड चिकित्सा अधिकारी (बीएमओ) कटघोरा डॉ. रूद्रपाल सिंह को पद से हटाए जाने का स्वास्थ्य कर्मियों ने विरोध किया है। उन्हें बीएमओ बनाए रखने की मांग की है। स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है कि बिना उचित कारण डॉ. रूद्रपाल को हटाया जाना ठीक नहीं है। स्वास्थ्य कर्मियों ने इसे मनोबल को हतोत्साहित करने वाला कदम बताया है। बीएमओ रुद्रपाल को पद से हटाए जाने के बाद रविवार को कटघोरा में छत्तीसगढ़ स्वास्थ्यकर्मी फेडरेशन की बैठक हुई। इसमें 120 से अधिक कर्मचारी शामिल हुए। कर्मचारियों ने कहा कि डॉ. रूद्रपाल सिंह 2015 से कटघोरा में खंड चिकित्सा अधिकारी के दायित्वों का निर्वहन करते आए हैं। इस अवधि में उनके खिलाफ कोई शिकायत नहीं हुई है। कोविड- 19 में जब कटघोरा कोरोना का हॉट स्पॉट बन गया था, तब डॉ. रूद्रपाल ने पूरी क्षमता से काम किया और कोविड की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया। उनके खिलाफ कभी शिकायत नहीं मिली। कर्तव्य में लापरवाही का कोइ मामला सामने नहीं आया।
छत्तीसगढ़ स्वास्थ्यकर्मी फेडरेशन ने कोरबा जिला प्रशासन से तुरंत डॉ. रूद्रपाल को खंड चिकित्सा अधिकारी के पद पर बहाल करने की मांग है। अन्यथा सामुहिक अवकाश एवं धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी है। संघ का कहना है कि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो छत्तीसगढ़ स्वास्थ्यकर्मी फेडरेशन बेमियादी हड़ताल पर जाएगा। गौरतलब है कि शनिवार को कोरबा जिला प्रशासन ने डॉ. रूद्रपाल को कटघोरा खंड चिकित्सा अधिकारी के पद से हटा दिया। उनकी जगह डॉ. रंजना तिर्की को नया खंड चिकित्सा अधिकारी बनाया था। तभी से कटघोरा में स्वास्थ्य कर्मचारियों की नाराजगी बढ़ गई है।

विरोध से उठे सवाल

बीएमओ डॉ. रुद्रपाल सिंह को कलेक्टर अजीत वसंत ने व्यवस्था के तहत हटाया है। उनके इस आदेश का पालन करने की बजाय जिस तरह से विरोध की राजनीति हो रही है, इसे क्षेत्र वासियों ने उचित करार नहीं दिया है। प्रशासनिक महकमे में भी इस बात की चर्चा होने लगी है कि आखिर तबादला का विरोध क्यों? क्या लंबे समय से जमे रुद्रपाल सिंह स्वयं विरोध की राजनीति करवा रहे हैं या फिर कुछ और बात है? कलेक्टर के इस आदेश की अवहेलना के मायने आखिर क्या हैं?