मेडिकल के छात्रों के लिए खुशखबरी! अब काउंसलिंग के बाद भी छोड़ सकेंगे सीट, लीविंग बांड से मिली आजादी

Good news for medical students! Now you can leave your seat even after counseling, freedom from leaving bond

देश के सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में एमडी-एमएस प्रवेश के लिए डॉक्टरों को राहत मिली है। काउंसलिंग के पहले दो चरणों में सीट छोड़ने पर कोई सीट लीविंग बांड नहीं लगेगा। पिछले सत्र में यह बांड लागू था। पंजीयन प्रक्रिया 2 अक्टूबर से शुरू हो गई है।

प्रदेश के सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में एमडी-एमएस में प्रवेश लेने जा रहे डॉक्टरों के लिए अच्छी खबर है। अब काउंसलिंग के पहले दो चरण तक प्रवेश के बाद सीट छोड़ने पर उनके ऊपर सीट लीविंग बांड लागू नहीं होगा। मॉप-अप राउंड से यह प्रभावी होगा।

पिछले सत्र तक दूसरे चरण में प्रवेश लेने के बाद सीट छोड़ने पर सीट लीविंग बांड लगता था। इसमें सरकारी कॉलेज में प्रवेश लेने वाले को 30 लाख रुपये और निजी कॉलेज वाले को पूरे पाठ्यक्रम की शुल्क बांड राशि के रूप में शासन को जमा करानी होती थी। अभ्यर्थी अच्छा कॉलेज या विषय मिलने के बाद भी त्यागपत्र नहीं दे पाते थे। एमबीबीएस में पहले ही यह व्यवस्था लागू हो चुकी है।

उल्लेखनीय है कि पिछले सत्र में प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में पीजी की 1262 और निजी कॉलेजों में 830 सीटें थीं। इस वर्ष सरकारी और निजी दोनों कॉलेजों में कुछ सीटें बढ़ने के आसार हैं। प्रवेश नियमों में यह भी निर्धारित किया गया है कि अभ्यर्थियों को सिर्फ एक बार ही पंजीयन का अवसर दिया जाएगा। एमबीबीएस में दूसरी बार भी अवसर दिया था। एमडी-एमएस में प्रवेश के लिए दो अक्टूबर से पंजीयन प्रक्रिया भी प्रारंभ हो गई है।

अभी जारी नहीं हुआ काउंसलिंग का कार्यक्रम

हालांकि, अखिल भारतीय कोटे की सीटों का कार्यक्रम अभी तक जारी नहीं होने से चिकित्सा शिक्षा संचालनालय ने भी अभी काउंसलिंग का कार्यक्रम जारी नहीं किया है। पहले चरण की काउंसलिंग में सीट आवंटन इसी माह होने के आसार हैं।