तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन की सुरक्षा टीम में नौ महिला सुरक्षाकर्मियों को शामिल किया गया है। इनमें एक सब-इंस्पेक्टर, एक हेड कांस्टेबल और सात कांस्टेबल शामिल हैं, जो एक्स-95 सब-मशीन गन, एके-47 और 9 एमएम पिस्टल से लैस हैं। इन सुरक्षाकर्मियों को कठोर शारीरिक और मानसिक प्रशिक्षण दिया गया है, जिसमें निहत्थे मुकाबला, बंदूक संचालन, बम पहचान और भीड़ प्रबंधन शामिल हैं। उन्हें 80 आवेदकों के बैच से चुना गया था और 8 मार्च 2022 को मुख्यमंत्री की कोर सुरक्षा टीम में शामिल किया गया।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में भी महिला एसपीजी (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) कमांडो तैनात हैं। एसपीजी में महिलाओं की तैनाती नई नहीं है; वे एडवांस्ड डिप्लॉयमेंट से लेकर प्रधानमंत्री की क्लोज प्रोटेक्शन टीम (CPT) तक विभिन्न भूमिकाएँ निभाती हैं। 2015 के बाद से, महिला कमांडो को CPT में शामिल किया गया है, जो प्रधानमंत्री के आसपास सुरक्षा का जिम्मा संभालती हैं। वर्तमान में, एसपीजी में लगभग 100 महिला कमांडो तैनात हैं, जो एडवांस्ड डिप्लॉयमेंट, क्लोज प्रोटेक्शन और अन्य सुरक्षा उपायों में सक्रिय हैं।
इन सुरक्षाकर्मियों का दिन सुबह 6 बजे प्रशिक्षण सत्र से शुरू होता है, जिसके बाद वे ड्यूटी पर रिपोर्ट करती हैं। उन्हें निहत्थे मुकाबला, बंदूक संचालन, बम पहचान और भीड़ प्रबंधन में प्रशिक्षित किया गया है। साथ ही, उन्हें तनाव, समय और वित्त प्रबंधन भी सिखाया जाता है।
इन महिला सुरक्षाकर्मियों ने कठोर शारीरिक और मानसिक प्रशिक्षण लिया और 8 मार्च 2022 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री की कोर सुरक्षा टीम में शामिल हुईं। उन्हें ‘गोपनीयता’ की शपथ भी दिलाई गई है, जिससे वे अपनी ड्यूटी से संबंधित कोई भी जानकारी साझा नहीं कर सकतीं।
मुख्यमंत्री की सुरक्षा टीम में इन नौ महिला सुरक्षाकर्मियों के अलावा पुरुष सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद स्टालिन की सुरक्षा तैनाती में कई गुना वृद्धि हुई है।
यह कदम महिलाओं को सशक्त बनाने और सुरक्षा बलों में उनकी भागीदारी को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
इसलिए सुरक्षाघेरे में महिलाओं की तैनाती?
स्टालिन की कोर सिक्योरिटी टीम में महिलाओं को शामिल करने की घोषणा इसी साल 8 मार्च को महिला दिवस के मौके पर की गई थी. महिलाओं को सशक्त करने के लिए यह कदम उठाया गया था. मुख्यमंत्री के सुरक्षा काफिले में शामिल करने के लिए महिलाओं से आवेदन मांगे गए थे. आवेदन करने वाली महिलाओं को शारीरिक और मानसिक परीक्षण से गुजरना पड़ा. कई महीनों की ट्रेनिंग के बाद 80 आवेदकों में से 9 महिलाओं को मुख्यमंत्री के सुरक्षा घेरे के लिए चुना गया.
सीएम की सुरक्षा की जिम्मेदारी सब-इंस्पेक्टर एम तनुष कन्नकी, हेड कांस्टेबल एम दिलस्थ बेगम, कांस्टेबल आर विद्या, जे सुमति, एम कालेश्वरी, के पवित्रा, जी रामी, वी मोनिशा और के कौशल्या के कंधों पर है.