कृषक उन्नति से किसान प्रेमचंद का बेटा कर रहा बीएससी एग्रीकल्चर

Farmer Premchand's son is doing BSc Agriculture through Krishak Unnati

धमतरी, 09 दिसम्बर 2024। खेती-किसानी का काम काफी चुनौती भरा होता है, कभी मौसम की बेमानी से होनी वाली अधिक वर्षा तो, कभी अल्पवर्षा। अगर वर्षा ठीक रही तो फसलों में बीमारी या कीट प्रकोप से निपटना एक बड़ी समस्या होती है, जिसके कारण किसानां को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है। आधुनिकता की इस दौड़ में खेती-किसानी का काम पीछे छुटते व्यवसाय को प्रदेश के मुख्यमंत्री साय ने खेती-किसानी को आय का जरिया बना दिया है। किसानों की आय को दुगुना करने के लिए अनेक किसान हितैषी योजनाएं संचालित की है। इन्ही योजनाओं में से एक है, मुख्यमंत्री कृषक उन्नति योजना।

धमतरी जिले के ग्राम भटगांव निवासी प्रेमचंद साहू, जो कि मुख्यमंत्री कृषक उन्नति योजना से लाभान्वित किसान है, वे बताते है कि उनके पास लगभग साढ़े सात एकड़ कृषि भूमि है, जिसमें वे खेती-किसानी कर अपना और अपने परिवार का जीवन यापन कर रहे है। उनकी धर्मपत्नी एक कुशल गृहणी है, जो कि घर के कामकाज सम्हालती हैं और उनके दो बेटे है, जिसमें बड़ा बेटा यशराज राजधानी रायपुर में बीएससी एग्रीकल्चर की पढ़ाई कर रहा है। वहीं छोटा बेटा स्थानीय निजी स्कूल में कक्षा 10 वीं की पढ़ाई कर रहा है। प्रेमचंद ने बताया कि खेती किसानी पुस्तैनी काम है, जिसे उनके पूर्वज करते आये और अब वे खुद सम्हाल रहे है। वे खरीफ में धान की फसल और रबी में चना की फसल लेते है। गत वर्ष धान विक्रय की लगभग 32 हजार रूपये का बोनस उन्हें प्राप्त हुआ था, जिसका उपयोग उन्होंने अपने पुत्र की पढ़ाई के लिए किया। वे कहते है कि खेती-किसानी को अगर आधुनिक पद्धति से किया जाये, तो यह आय का अच्छा साधन बन सकता है, इसके लिए वे अपने पुत्र को एग्रीकल्चर की पढ़ाई करा रहे है। प्रेमचंद ने बताया कि गांव में पहला ट्रेक्टर लाने वाला उन्ही ंका परिवार था। प्रेमचंद प्रदेश के मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहते है कि ऐसी योजनाओं से प्रदेश के किसानों के माथे पर पड़ी चिंता की लकीरे हटने लगी है और उनके चेहरे पर मुस्कान आ गयी है। इसके लिए उनका ह्दय से धन्यवाद।

बता दें कि मुख्यमंत्री कृषक उन्नति योजना, छत्तीसगढ़ सरकार की एक किसान कल्याणकारी योजना है, जिसका उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना और उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाना है। इस योजना के तहत, किसानों को धान का समर्थन मूल्य से अधिक कीमत दी जाती है। इस योजना के तहत, किसानों को धान का मूल्य 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से दिया जाता है। जिसमें किसानों को समर्थन मूल्य से अंतर की रकम दी जाती है। किसान इस योजना से मिलने वाली रकम से अपने घर के काम, बच्चों की पढ़ाई, स्वास्थ्य और परिवार की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। इस योजना से किसानों का आत्मविश्वास बढ़ा है और खेती-किसानी में उनका रुझान भी बढ़ रहा है। साथ ही किसानों को आर्थिक मजबूती मिल रही है और उनकी तरक्की भी हो रही है। इस योजना से मिलने वाली रकम से किसान खेत में बोर कराकर ज्यादा फसल का उत्पादन कर सकते हैं।