स्कूलों में जब से मिल रहा नाश्ता,जुड़ने लगा पढ़ाई से वास्ता बंद हुए बहाने, पोहा, भजिया,खीर,उपमा लगे हैं भाने विद्यार्थियों के बढ़ने लगे उपस्थिति

Ever since breakfast is being provided in schools, people have started getting interested in studies, excuses have stopped, Poha, Bhajiya, Kheer, Upma have started becoming popular and student attendance has started increasing


कोरबा जिले के 1 लाख 20 हजार से अधिक विद्यार्थी हो रहे लाभान्वित
मध्याहन भोजन से पहले स्कूल खुलते ही रोज मिल रहा गरम नाश्ता
कोरबा 29 नवंबर 2024/कुछ दिन पहले की ही बात है, विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा वाले बसाहट में संचालित प्राथमिक शाला कदमझेरिया, कोरई में पढ़ाई करने वाले कई पहाड़ी कोरवा विद्यार्थियों का मन सुबह स्कूल आने में नहीं लगता था। कक्षा पहली में पढ़ाई करने वाला सम्लेश्वर हो या फिर कक्षा तीसरी में पढ़ने वाला बम्लेश्वर, दोनों भाई स्कूल जाने से पहले घर में तरह-तरह के बहाने मारते थे और स्कूल जाने में भी रूचि नहीं दिखाते थे। कुछ इसी तरह की मिलती-जुलती कहानी पहाड़ी कोरवा छात्रा ज्योति, सुमित्रा की भी थी। सुबह स्कूल जाने से पहले घर में खाना तो मिलता था, लेकिन अपनी थाली में दाल चावल मिलने और इसे खाने के बाद भी कई बार कुछ न कुछ बहाने कर स्कूल नहीं जाते थे। अब जबकि स्कूल खुलते ही विद्यार्थियों को गरम नाश्ते के रूप में उनके पसंद का स्थानीय नाश्ता, पोहा, उपमा, भजिया, पूड़ी, खीर आदि मिलने लगे हैं तो शहर के स्लम क्षेत्रों सहित दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों में भी विद्यार्थियों की उपस्थिति बढ़ने लगी है। बच्चों को सुबह के गरम नाश्ते पसंद आने लगे हैं और उनका वास्ता नाश्ते के साथ पढ़ाई से भी जुड़ने लगा है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के दिशा-निर्देशन में जिला प्रशासन द्वारा डीएमएफ से कोरबा जिले के कक्षा एक से लेकर कक्षा आठवीं तक के विद्यार्थियों को स्कूल खुलने के साथ ही गरम नाश्ता देने की शुरूआत की गई है। दोपहर में मिलने वाले मध्यान्ह भोजन के अतिरिक्त मिलने वाले नाश्ते को खाने के लिए शहर के स्लम क्षेत्रों के विद्यालयों सहित आदिवासी बाहुल्य इलाकों में स्थित स्कूलों में विद्यार्थियों की रूचि स्पष्ट नजर आ रही है। लगभग तीन महीने पहले 14 अगस्त को कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा विकासखण्ड सहित कोरबा ब्लॉक के शहरी क्षेत्रों के स्कूलों में विद्यार्थियों के थाली में गरम नाश्ता परोसने का सिलसिला प्रारंभ किया गया। लगभग ढ़ाई माह तक नाश्ता परोसने और इससे हुए सकारात्मक प्रभाव को देखते हुए कलेक्टर श्री अजीत वसंत ने जिले के सभी विकासखण्डों में इसे प्रारंभ करने के निर्देश दिए। आखिरकार दीपावली अवकाश के पश्चात स्कूल खुलते ही कोरबा ग्रामीण, पाली, करतला, कटघोरा के शेष स्कूलों में भी नाश्ता देना प्रारंभ कर दिया गया है। शहर से लगभग 100 किलोमीटर दूर पोड़ीउपरोड़ा ब्लॉक के अंतर्गत शासकीय प्राथमिक शाला करमीपारा में पढ़ाई करने वाली कक्षा पहली की रीना, कक्षा पांचवी की पूर्णिमा, प्राथमिक शाला जूनापारा मोरगा में कक्षा पांचवी की यशोदा, अनेश सहित सभी को अब स्कूल आना और नाश्ता खाना पसंद है। करमीपारा की शिक्षिका सुमित्रा मार्को का कहना है कि विद्यालय में 37 बच्चे दर्ज है और पहले कुछ न कुछ काम बताकर अनेक विद्यार्थी विद्यालय नहीं आते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। सुबह नाश्ता मिलने पर अधिकांश विद्यार्थी स्कूल आते हैं। ग्राम जूनापारा मोरगा के विद्यालय में नाश्ता तैयार करने वाली संतोषी स्व-सहायता समूह की महिलाओं का कहना है कि सुबह 9.30 बजे से 10 बजे के बीच नाष्ता परोस दिया जाता है। नाश्ते में खीर, पूड़ी,हलवा, खिचड़ी, पोहा, भजिया दी जाती है। विद्यार्थी नाश्ता खाने बहुत उत्सुक रहते हैं और समय पर विद्यालय भी पहुंच जाते हैं। इधर कोरबा विकासखण्ड के अंतर्गत निवास करने वाले पहाड़ी कोरवा बच्चों में भी नाश्ते का प्रभाव पड़ा है। सुबह से ही अपने परिवार के सदस्यों के साथ जंगल की ओर कूच कर जाने वाले बच्चे अपनी थैला लेकर समय से पहले स्कूल की दहलीज पर पहुंच जाते हैं, उन्हें बेसब्री से विद्यालय खुलने का इंतजार रहता है। पहाड़ी कोरवा बसाहट ग्राम कोरई में रहने वाले बम्लेश्वर और सम्लेश्वर अपने घर से थैला लेकर स्कूल जाते दिखे। इन्होंने बताया कि स्कूल में हर दिन गरम भजिया, पोहा, खीर, पूड़ी, उपमा का नाश्ता मिलता है और इसे खाना भी अच्छा लगता है। इनकी मां निहारोबाई का कहना है कि जब से नाश्ता मिल रहा है, उनके दोनों बेटे सुबह स्कूल जाने के लिए कोई बहाना भी नहीं मारते। बस्ता लेकर सीधा स्कूल जाते हैं। कोरई के विद्यालय में पढ़ाई करने वाली मनीषा, राजकुमारी, लक्ष्मी, समारिन बाई, बुधवार साय, और ग्राम कदमझेरिया में संचालित प्राथमिक शाला की पहाड़ी कोरवा ज्योति, राजेश, जितेश, सुमित्रा सहित अन्य विद्यार्थियों पर भी नाश्ते का प्रभाव पड़ा है। यहां के शिक्षकों का भी कहना है कि नाश्ते दिए जाने से विद्यार्थी स्कूल आने में रूचि दिखा रहे हैं। खास बात यह भी है कि कलेक्टर द्वारा सभी स्कूलों में नाश्ते का मीनू लिखवाने और स्थानीय उपलब्धता तथा विद्यार्थियों के पसंद के अनुरूप नाश्ता परोसने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इसके लिए जिले में प्रतिवर्ष 8 करोड़ की राशि की स्वीकृति डीएमएफ से दी है। जिला शिक्षा अधिकारी श्री टीपी उपाध्याय ने बताया कि इस पहल से कोरबा जिले के 1 लाख 20 हजार से अधिक विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं।

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