प्रदेश में मानसून अब पूरी तरह सक्रिय हो चुका है और इसका प्रभाव साफ तौर पर जनजीवन पर देखने को मिल रहा है। मध्य और दक्षिण छत्तीसगढ़ में बीते 24 घंटों के दौरान झमाझम बारिश हुई, जिसके चलते मौसम विभाग ने येलो और कुछ हिस्सों में ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है। रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, जांजगीर, राजनांदगांव सहित कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।
रेलवे ट्रैक डूबे, ट्रेनें प्रभावित
लगातार बारिश की वजह से दुर्ग रेलवे स्टेशन पर ट्रैक जलमग्न हो गया है, जिससे ट्रेनों की आवाजाही पर असर पड़ा है। यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रेलवे प्रशासन द्वारा पानी की निकासी के प्रयास जारी हैं, लेकिन अभी भी हालात सामान्य होने में समय लग सकता है।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने 10 जुलाई को मध्य छत्तीसगढ़ के कुछ स्थानों पर भारी से अति भारी वर्षा की संभावना जताई है। हालांकि, 11 जुलाई के बाद बारिश की तीव्रता में थोड़ी कमी आने की संभावना है। विभाग ने नागरिकों से सतर्क रहने और जलभराव वाले क्षेत्रों में अनावश्यक रूप से न जाने की अपील की है।
बारिश का आंकड़ा और प्रभाव
पिछले 24 घंटों में प्रदेश में औसतन 13.2 मिमी बारिश दर्ज की गई है। अब तक कुल 343.6 मिमी वर्षा हो चुकी है, जो सामान्य औसत से 15% अधिक है। दुर्ग जिले में ही बीते दिन 13 सेमी वर्षा हुई है। इसके चलते मोंगरा डैम से पानी छोड़ा गया, जिससे शिवनाथ नदी उफान पर है और आसपास के इलाकों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
क्षेत्रीय बारिश का ब्यौरा इस प्रकार रहा:
- बालोद: 12 सेमी
- अहिवारा: 10 सेमी
- धमधा, मंदिरहसौद, गंडई: 9 सेमी
- बोरई, अर्जुदा: 8 सेमी
- धरसींवा, डौंडीलोहारा, भखारा, पाटन, भिलाई: 7 सेमी
- माना, मारी बंगला, रायपुर शहर, खैरागढ़: 6 सेमी
- सरायपाली, आरंग, अंबागढ़ चौकी, पामगढ़, खरोरा, गोबरा नवापारा, गुंडरदेही, छुरिया, लाभांडी, मोहला, राजनांदगांव: 5 सेमी
खेती को राहत, जनजीवन प्रभावित
इस बारिश से जहां खेतों को पानी मिला है और जलस्त्रोत भरने लगे हैं, वहीं दूसरी ओर यातायात, आवागमन और जनजीवन पर इसका गहरा असर पड़ा है। कई निचले इलाकों में पानी घुसने की स्थिति बन गई है। प्रशासन और नगर निगमों को अलर्ट मोड में रखा गया है ताकि किसी आपात स्थिति से निपटा जा सके।







