दुर्ग पुलिस में दो आधुनिक ड्रोन शामिल 5 किमी तक निगरानी, भीड़ नियंत्रण में मिलेगी मदद

Durg Police includes two modern drones for surveillance up to 5 km, will help in crowd control.

दुर्ग,12नवंबर 2025 दुर्ग पुलिस लाइन में दो आधुनिक ड्रोन का परीक्षण किया गया, जिससे दुर्ग पुलिस ने स्मार्ट और हाई-टेक पुलिसिंग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। पुलिस के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में दुर्ग संभवतः पहला ऐसा जिला बन गया है, जहां पुलिस के पास अपनी समर्पित ड्रोन यूनिट होगी।

छोटे और मध्यम श्रेणी के ये दोनों ड्रोन अब जिले की निगरानी, भीड़ नियंत्रण, यातायात निगरानी, तलाशी अभियान और आपदा के समय तैनात किए जा सकेंगे।

पुलिस के अनुसार, इन ड्रोन में कई प्रमुख क्षमताएं और विशिष्टताएं हैं। इनकी निगरानी सीमा लाइव वीडियो के लिए 5 किलोमीटर तक है, जो बैटरी और मॉडल के आधार पर 5 से 15 किलोमीटर तक हो सकती है।

इनमें 4K रेजोल्यूशन वाला जूमिंग लेंस कैमरा लगा है, जिससे ऊंचाई से भीड़ और गतिविधियों की स्पष्ट निगरानी की जा सकेगी। इनकी उड़ान का समय 25 से 30 मिनट है, जो बैटरी के प्रकार पर निर्भर करता है, कुछ मॉडलों में यह क्षमता 30 से 55 मिनट तक भी हो सकती है।

आईजी रामगोपाल गर्ग ने कहा कि इन ड्रोन का मूल उद्देश्य अग्रिम टीम भेजने से पहले स्थितियों की निगरानी करना, भीड़ नियंत्रण के दौरान संदिग्धों की पहचान करना और अपराध नियंत्रण को मजबूत करना है।

उन्होंने बताया कि आधुनिक तकनीक के उपयोग से अपराध की रोकथाम और घटना-आधारित अपराधों का पता लगाने में मदद मिलेगी।

ड्रोन के प्रदर्शन के दौरान दुर्ग रेंज के आईजी रामगोपाल गर्ग, एसपी विजय अग्रवाल, लाइन डीएसपी चंद्रप्रकाश तिवारी, एस.आई. डॉ. संकल्प रॉय, रक्षित निरीक्षक नीलकंठ वर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। ड्रोन-एकीकरण के साथ ही दुर्ग के वरिष्ठ अफसरों ने हाल ही में एंटी-ड्रोन तकनीक में भी ट्रेनिंग ली है। आईआईटी रोपड़ और बीपीआरडी द्वारा पंजाब में आयोजित पांच दिवसीय प्रशिक्षण में दुर्ग रेंज के आईजी रामगोपाल गर्ग भी शामिल रहे।

प्रशिक्षण में न केवल संदिग्ध ड्रोन की पहचान करना सिखाया गया, बल्कि उसकी फ्रीक्वेंसी पता कर उसे निष्क्रिय करने, कंट्रोल-लिंक काटने और आवश्यक होने पर ड्रोन पर डायरेक्ट एक्शन लेने की तकनीकें भी सिखाई गईं।

प्रशिक्षित अफसरों में एसपी (दंतेवाड़ा) गौरव राय, कमांडेंट उदय किरण और राज्य इंटेलिजेंस विंग के एएसपी रोहित झा भी शामिल रहे। अधिकारियों ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में संदिग्ध ड्रोन की पहचान व उसे बेअसर करने के लिये यह टेक्नोलॉजी बेहद उपयोगी होगी।