प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना अंतर्गत जिला स्तरीय जागरूकता कार्यशाला का हुआ आयोजन

District level awareness workshop organized under Prime Minister Micro Food Upgradation Scheme

कोरबा 16 फरवरी 2024/सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के अंतर्गत नए एवं मौजूदा एकल उद्यमी, महिला स्व-सहायता समूह, कृषक उत्पादक संगठन, सहकारी समितियों में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने एवं ऋण तक पहुंच में वृद्धि के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पाेरेशन रायपुर के सहयोग से जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित किया गया। कार्यशाला में जिला अग्रणी प्रबंधक, मार्गदर्शी शाखा एवं विभिन्न बैंकों से मैनेजर सहित इच्छुक लाभार्थी, कृषक उत्पादक संगठन एवं महिला स्व-सहायता समूह के सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
सीएसआईडीसी श्री पुनीत इंगोले द्वारा योजना का प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया गया कि खाद्य प्रोसेसिंग संबंधी नमकीन, बेकरी, आचार, पापड़, बड़ी, आटा चक्की, राईस मिल, पोहा मिल, दाल मिल, महुआ प्रोसेसिंग, इमली प्रोसेसिंग, चटनी, कुकिज, चिरौंजी प्रोसेसिंग, आम-आंवला जेम जेली इत्यादि व्यवसाय की शुरूआत करने एवं स्थापित उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए पीएमएफएमई योजना संचालित की जा रही है। जिसके अंतर्गत ऋण की सुविधा बैंकों के माध्यम से प्रदान की जाती है। योजना के अंतर्गत लाभ

प्राप्त करने न्यूनतम 18 वर्ष से अधिक का कोई भी व्यक्ति जिसके पास आधार कार्ड, पेन कार्ड, राशन कार्ड एवं बैंक पासबुक दस्तावेज के आधार पर ऑनलाईन वेबसाईट http://pmfme.mofpi.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते है। कार्यक्रम में जानकारी दी गई कि असंगठित खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों को नए अथवा मौजूदा उद्यम के विस्तार के लिए परियोजना लागत के 35 प्रतिशत पर क्रेडिट लिंक्ड अनुदान अधिकतम 10 लाख तक की सुविधा प्रदान की जाएगी। कॉमन इंफास्ट्रक्चर के तहत् 03 करोड़ रूपए की अधिकतम सीमा के साथ पात्र परियोजना लागत के 35 प्रतिशत पर क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी लाभ प्रदान किया जाएगा। इसी प्रकार महिला स्व-सहायता समूह के सदस्यों को कार्यशील पूंजी के रूप में खाद्य प्रसंस्करण में लगे लोगों को सीड केपिटल 40 हजार प्रति सदस्य प्रदान की जाएगी। इस योजना के तहत् लाभार्थियों के कौशल उन्नयन एवं विकास के लिए आधारभूत प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। जिले में चयनित डिस्ट्रिक्ट रिर्साेस पर्सन द्वारा आवेदन प्रकिया में सहायता, डीपीआर तैयार करने, बैंक से ऋण प्राप्त करने, उद्यम रजिस्ट्रेशन एवं एफएसएसएआई सर्टिफिकेट इत्यादि में हैंड होल्डिंग सहायता भी प्रदान की जाएगी। योजना अंतर्गत बताया गया कि पात्र परियोजना लागत में संयंत्र एवं मशीनरी, तकनीकी सिविल वर्क की लागत शामिल है जबकि कार्यशील पूंजी के तहत् कोई सब्सिडी नहीं है। इसमें भूमि किराए पर या लीज वर्क शेड की लागत शामिल नहीं होगी। आवेदक की परियोजना लागत का कम से कम 10 प्रतिशत अंशदान स्वयं करना होगा शेष आवश्यक धनराशि बैंक से ऋण के रूप में उपलब्ध होगी। योजना के तहत् असंसाधित बाजार/अनाज/मसाले, खुला दूध/दही, फल और सब्जियों का व्यापार एवं बिक्री, मधुमक्खी पालन/शहद की खुली बिक्री, तेल की खुली बिक्री, कुक्कुट, सुअर, बकरी पालन या जानवरों की कोई अन्य पालन गतिविधि, ताजा मछली/मांस/चिकन आदि का व्यापार एवं बिक्री, विनिर्मत उत्पादों की रिपेकिंग, केंटीन, किराना, होटल, रेस्तरां, टिफिन सेवाएं या कोई अन्य खाद्य सेवाएं अपात्रता की श्रेणी में रखी गई है।
कार्यशाला में महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र द्वारा उपस्थित प्रतिभागियों को योजना का लाभ लेने हेतु प्रोत्साहित किया गया एवं उपस्थित बैंकर्स से प्रकरणों में   स्वीकृति एवं वितरण की कार्यवाही किए जाने हेतु आग्रह किया गया। श्री नरोत्तम ठाकुर, जिला अग्रणी बैंक, प्रबंधक द्वारा बैंक की प्रकिया से अवगत कराया गया। कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों के योजना से संबंधित जिज्ञासाओं का समाधान किया गया।