जिला अस्पताल की नर्स ने 6 दिन के नवजात शिशु को 30 हजार में बेचा,खुलासा होने के बाद कलेक्टर ने लिया एक्शन, पुलिस ने किया FIR

District hospital nurse sold a 6-day-old newborn baby for Rs 30,000, after it was revealed the collector took action, police filed FIR

सुकमा 11 जनवरी 2023। नक्सल प्रभावित सुकमा जिला में सरकारी अस्पताल की नर्स द्वारा आदिवासी महिला के बच्चे को 30 हजार रूपये में बेचे जाने का मामला सामने आया है। घटना का खुलासा होने के बाद कलेक्टर ने इस मामले में एक्शन लेते हुए आरोपी नर्स के निलंबन का आदेश जारी किया है। उधर स्वास्थ्य विभाग की जांच में हुए इस खुलास के बाद आरोपी नर्स के खिलाफ पुलिस में भी एफआईआर दर्ज कराया गया है। जिसे पुलिस कभी भी अरेस्ट कर सकती है।

पूरा घटनाक्रम सुकमा जिला के कोतवाली थानांतर्गत जिला अस्पताल का है। जानकारी के मुताबिक जिला अस्पताल सुकमा में एक आदिवासी महिला ने 4 जनवरी को नवजात शिशु को जन्म दिया था। बताया जा रहा है कि बच्चे के जन्म के कुछ दिन बाद ही अस्पताल की नर्स ने उक्त नवजात शिशु को 30 हजार रूपये में बेच दिया गया। बच्चे के बेचने से मिले पैसें में से कुछ रकम परिजनों को भी दिये जाने की बात सामने आ रही है। स्वास्थ्य विभाग से प्रसूता के डिस्चार्ज के वक्त इस मामले की शिकायत सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने इस पूरे प्रकरण की जांच शुरू की। जांच में गरीब आदिवासी महिला के शिशु को बेचे जाने की पुष्टि होने पर जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों और कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

जिसक पर सुकमा कलेक्टर एस.हरीश ने एक्शन लेते हुए तत्काल आरोपी नर्स का निलंबित करने का आदेश जारी किया गया। इस पूरे मामले का खुलासा होने के बाद बाल संरक्षण अधिकारी जितेंद्र सिंह ने मामले की शिकायत कोतवाली थाने में दर्ज करायी है। बताया जा रहा है कि पुलिस कभी भी उक्त नर्स की गिरफ्तारी कर सकती है। इस पूरे मामले में आरोपी बनी नर्स पर पूर्व में भी इस तरह के कृत्य किए जाने का संदेह है। पुलिस में एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस उससे पूछताछ करने की तैयारी में है। वहीं ये भी बताया जा रहा है कि बच्चों की चाह रखने वालों के लिए उक्त नर्स गरीब आदिवासी परिवार को झांसे में लेती थी। जिनके यहां पहले से ही तीन-चार बच्चे हों उनको लक्षित कर वह यह काम करती थी।

सुकमा कलेक्टर एस. हरीश ने बताया कि शिकायत और विभाग द्वारा प्रेषित रिपोर्ट के आधार पर उक्त नर्स को तत्काल सस्पेंड करने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिए गए हैं। उधर बाल संरक्षण अधिकारी जितेंद्र सिंह की रिपोर्ट के बाद पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी है। सुकमा कोतवाली थाना प्रभारी शशीकांत भारद्वाज ने बताया कि शिकायत पर एफआईआर दर्ज किया गया है। इस पूरे मामले में नर्स के साथ ही बच्चे के माता-पिता की क्या भूमिका है इसकी भी जांच की जा रही है। जांच पूरी होते ही आरोपियों की गिरफ्तारी की कार्रवाई की जायेगी।