सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के प्रस्तावित प्लांट के स्थल को लेकर एमआईसी व प्रशासन के मध्य असहमति

कोरबा। नगरनिगम कोरबा के बरबसपुर स्थित कचरा डंपिंग यार्ड की जमीन को अभी फिलहाल ही करोड़ों रुपये की लागत लगाकर लगभग 20 एकड़ जमीन अन्य विकास कार्य हेतु उपलब्ध कराई गई है।उसी स्थल पर कचरा संग्रहण व पृथक्कीकरण एवं निस्तारण हेतु 6.5 करोड़ का पुनः प्रस्ताव डीपीआर तैयार किया गया है। निगम की एमआईसी में उक्त प्रस्ताव पर सदस्यों ने चर्चा में गंभीर आपत्ति जताई ।सदस्यों ने  निर्वाचित  जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा कर स्थल चयन पर आपत्ति की। एमआईसी ने उक्त प्रस्तावित योजना के निकट  नवीन परिवहन नगर योजना प्रक्रियाधीन लंबित होने को दृष्टिगत रखते  हुए  वैकल्पिक स्थल पर विचार करने का निर्णय लिया है। निगम क्षेत्र का समूर्ण कचरा इस योजना के तहत इसी जमीन पर पुनः एकत्र कर अलग अलग छटनी कर रिसायकल या रीयूज किया जावेगा।यदि पुनः इसी क्षेत्र में कचरा एकत्र करना था तो करोड़ों खर्च कर भूमि रिक्त कराना प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है।ज्ञातव्य है कि ग्राम बरबसपुर में निगम को हस्तांतरित 72 एकड़ भूमि में 40 एकड़ भूमि पर कोरबा विकास योजना के तहत नवीन परिवहन नगर योजना तैयार कर समस्त क्लीयरेंस होने के पश्चात  भी बिना कोई वैधानिक व तकनीकी कारण के राजनीतिक दबाव में प्रशासनिक हस्तक्षेप से लंबित कर दिया गया है। नगर यातायात व्यवस्था व निरंतर घटने वाली दुर्घटनाओं को देखते हुए नवीन परिवहन नगर की योजना अत्यंत आवश्यक है।किन्तु जनप्रतिनिधियों की अनदेखी कर अधिकारी स्तर पर निर्णय कर निगम के व्यवस्थित विकास में रोड़ा अटकाया जा रहा है। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की नवीन प्रस्तावित योजना भी परिवहन नगर की योजना रोकने के षड्यंत्र के रूप में देखा जा रहा है। निर्वाचित जनप्रतिनिधयों की अनदेखी कर  अधिकारी स्तर पर स्थल चयन व योजना तैयार करने से योजनाएं विफल होती हैं।डीएमएफ फण्ड से अरबों रुपये  से निर्मित सफेद हाथी इसके गवाह हैं। समय रहते यदि शहर की आवश्यकताओं व जनप्रतिनिधियों की सहभागिता की अनदेखी की गईं तो फण्ड के अपव्यय के साथ नगर को अव्यवस्थित विकास की कीमत चुकानी पड़ेगी।