उपसंचालक महिला प्रशिक्षण संस्थान ने किया आंगनबाड़ी केन्द्रों में वजन सत्यापन

Deputy Director Women Training Institute did weight verification in Anganwadi centers

कोरबा 24 सितंबर 2024/ उपसंचालक, क्षेत्रीय महिला प्रशिक्षण संस्थान श्री किशन क्रांति टंडन द्वारा एकीकृत विकास परियोजना पाली के सेक्टर चैतमा अंतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्र छपराहीपारा, सेक्टर माखनपारा के आंगनबाड़ी केन्द्र भदरापारा तथा सेक्टर बक्साही के आंगनबाड़ी केन्द्र चेपा एवं पोंड़ी-उपरोड़ा के अंतर्गत ग्राम पंचायत सिंघिया के नायकपारा में केन्द्र का निरीक्षण कर बच्चों के वजन एवं ऊंचाई का सत्यापन किया। इस अवसर पर बच्चों का अन्नप्राशन एवं गर्भवती माताओं की गोदभराई कार्यक्रम आयोजित हुआ। साथ ही हितग्राहियों को पोषण खानपान, स्वच्छता आदि विषयों पर विस्तृत जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में सुपोषण संबंधित खाद्य पदार्थों स्थानीय सब्जियों, फलों एवं अंकुरित अनाजों का प्रदर्शन किया गया। इस दौरान आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों के मध्य फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता कराई गई एवं सभी प्रतिभागियों को पुरस्कृत कर उत्साहवर्धन किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती रेनु प्रकाश, जिला महिला बाल विकास अधिकारी श्री गजेन्द्र देव सिंह, परियोजना अधिकारी पाली श्री अन्वेश दीवान एवं सेक्टर पर्यवेक्षक पोंड़ी-उपरोड़ा श्रीमती निशा कंवर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एव सहायिका उपस्थित रहे।

‘परवरिश के चैम्पियन कार्यक्रम’ के तहत पालक सत्र का हुआ आयोजन –
पोषण माह के अंतर्गत जिले के समस्त आंगनबाड़ी केन्द्र में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा स्वास्थ्य विभाग व यूनिसेफ से समन्वय कर खेल आधारित शिक्षा परवरिश के चैम्पियन कार्यक्रम के तहत पालक सत्र का आयोजन हुआ। जिसके अंतर्गत  स्वदेशी खिलौने को बढ़ावा देने के लिए बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए प्रदर्शनी एवं विविध गतिविधियों का आयोजन किया गया। केन्द्रों में पालकों को वर्णमाला चार्ट, पोषण कैल्कुलेटर, गतिविधि कैलैंडर की जानकारी, रिस्पोंसिव पेरेंटिंग के विडियो का प्रदर्शन, विभिन्न पोस्टर, चैम्पियन किट प्रदान, बच्चों से व्यवहार व सरल तरीके से बच्चों के विकास के विभिन्न बिन्दुओं पर जानकारी दी गई।

‘‘नवांकुर’’ का कार्यक्रम का भी किया गया आयोजन –
महिला एवं बाल विकास विभाग व यूनिसेफ के सहयोग से परवरिश के चैम्पियन कार्यक्रम व ऑनलाईन प्रशिक्षण ‘‘नवांकुर’’ का आयोजन बच्चों के पालन पोषण में माता पिता की उत्तरदायी भूमिका सुनिश्चित करने हेतु किया गया। इसके माध्यम से परिवार के बच्चों का भावनात्मक व शारिरिक जरूरतों के बारे में जानकारी दी गई।