चिर्रा से श्यांग पूरी होगी सड़क की मांगडीएमएफ से किया गया 12 करोड़ का प्रावधान

Demand for road from Chirra to Shyang will be fulfilled, provision of 12 crores made from DMF

वनांचल क्षेत्रों के दर्जनों गांव के लोगों को मिलेगा बेहतर आवागमन

कोरबा 19 जुलाई 2024/कोरबा विकासखंड अंतर्गत वनांचल क्षेत्र चिर्रा से श्यांग तक की दूरी लगभग 12 किलोमीटर है। हाथी प्रभावित होने के साथ ही मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर दूर इस सड़क की स्थिति विगत एक दशक से अधिक समय से जर्जर है। सड़क जर्जर होने की वजह से इस क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांव के लोगों को आवागमन में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। बारिश के समय इस मार्ग में कीचड़ और गर्मी के समय में धूल का गुबार उठने से राहगीरों को परेशानी उठानी पड़ती है। वर्षों से इस मार्ग को बनाने की मांग ग्रामीण करते आ रहे हैं। लेकिन चिर्रा से श्यांग मार्ग में पक्की सड़क नहीं बन पाई थी। शहर से दूर चिर्रा और श्यांग क्षेत्र के ग्रामीणों की मांग को ध्यान में रखते हुए इस मार्ग को जिला खनिज संस्थान न्यास से बनाने का निर्णय लिया गया है। इस मार्ग के लिए 12 करोड़ की राशि का प्रावधान रखा गया है।
जिला खनिज संस्थान न्यास के माध्यम से कोरबा जिले के खनन प्रभावित क्षेत्र सहित दूरस्थ वनांचल क्षेत्रों में विकास की नींव रखी जा रही है। वनांचल क्षेत्रों के लोगों को बेहतर आवागमन मुहैया कराने अति आवश्यक सड़कों का निर्माण करने की पहल की गई है। डीएमएफ की बैठक में अध्यक्ष एवं कलेक्टर श्री अजीत वसंत द्वारा सदस्यों के बीच चिर्रा से श्यांग मार्ग हेतु डीएमएफ से 12 करोड़ की राशि का प्रावधान रखे जाने की जानकारी प्रस्तुत किये जाने पर सभी ने सहमति जताते हुए इस प्रस्ताव की सराहना की। चिर्रा से श्यांग की दूरी लगभग 12 किलोमीटर है। इस मार्ग से गुरमा एवं श्यांग होकर धरमजयगढ़ पहुंचा जा सकता है। मार्ग के बनने से इस क्षेत्र में मौजूद गांव सिमकेदा, विमलता, चिर्रा, गीतकंवारी, लबेद, तीतरडांड, गिरारी सहित इस क्षेत्र में आवागमन करने वाले लोगों को लाभ मिलेगा। मार्ग की स्थिति जर्जर होने की वजह से शाम होते ही यहां आवागमन बंद सा हो जाता था। बारिश होने के साथ ही मार्ग में कीचड़ और वाहन फसने से वाहन चालक परेशान होते थे। डीएमएफ से सड़क निर्माण के लिए 12 करोड़ की राशि का प्रावधान किये जाने पर क्षेत्र के ग्रामीणों में खुशी है। मार्ग से आवागमन कर रही महिला ललिता बाई, सुकदेव सिंह, रामेश्वर बाधे ने कहा कि वे इस मार्ग से कोरबा शहर की ओर जरूरी काम से जाते हैं। कई बार लौटने में विलंब हो जाता है। इस दौरान हाथी प्रभावित क्षे़त्र होने तथा बारिश में मार्ग कीचड़ से लथपथ होने की वजह से डर बना रहता है। अब सड़क बनने के लिए राशि स्वीकृत होने पर खुशी है कि जल्दी ही हम लोगों को पक्की सड़क नसीब हो पायेगी।

पहुंचविहीन अमलडीहा से मालीकछार तक होगा सड़क का निर्माण-
कोरबा जिले के अंतिम छोर के ग्राम अमलडीहा से माली कछार तक पक्की सड़क नहीं होने का खामियाजा इस क्षेत्र के ग्रामीणों को भुगतना पड़ता है। इस क्षेत्र में शासकीय योजनाओं का निरीक्षण करने पहुंचे कलेक्टर श्री अजीत वसंत के समक्ष ग्रामीणों ने सड़क नहीं होने की बात रखी थी। कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को अमलडीहा से मालीकछार तक सड़क निर्माण हेतु निरीक्षण करने और प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए थे। डीएमएफ की बैठक में इस मार्ग के निर्माण के लिए 10 करोड़ रूपये का प्रावधान रखते हुए समिति के समक्ष अनुमोदन हेतु रखा गया था। समिति द्वारा इस मार्ग के निर्माण की सहमति प्रदान की गई।