कोरबा/समय सीमा की बैठक में कलेक्टर ने कहा कि जिले में कोई भी भवनविहीन स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र न हो। इस संबंध में आवश्यकतानुसार डीएमएफ अंतर्गत प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने के निर्देश भी दिए। एकल शिक्षकीय एवं शिक्षक विहीन शालाओं में नए शैक्षणिक सत्र से शिक्षकों की व्यवस्था सुनिश्चित करने की बात कही। इस हेतु स्कूलों में रिक्त शिक्षकों के पदों पर अतिथि व्याख्याता व अतिथि शिक्षकों की भर्ती शीघ्रता से पूर्ण करने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी को दिए। उन्होंने कहा कि उच्चतर विद्यालयों में विशिष्ट विषयों के पदों पर किसी शिक्षकों की कमी नहीं होनी चाहिए। कलेक्टर ने जिले में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजाति परिवार के शिक्षित बेरोजगारों को शिक्षा, स्वास्थ्य सहित अन्य विभागों में रिक्त पदों पर रखने के निर्देश देते हुए आदिवासी विभाग से समन्वय बनाकर पीवीटीजी वर्ग के युवाओं को योग्यता अनुसार नियुक्ति देने की बात कही।
कलेक्टर ने जिले में जाति प्रमाण पत्र बनाने कार्य की जानकारी लेते हुए शत प्रतिशत स्कूली बच्चों का जाति प्रमाण पत्र बनाने हेतु सभी एसडीएम व जिला शिक्षा अधिकारी को प्रभावी कार्ययोजना से कार्य करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूलों में विद्युतीकरण, पहुँचमार्ग, विद्युतविहीन गांवों में विद्युतीकरण के सम्बंध में आवश्यक निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। उन्होंने विभागों में लंबित अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों का निराकरण राज्य शासन से प्राप्त नए निर्देशों के अनुसार करने हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया। कलेक्टर ने लोक निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग सहित अन्य विभाग अंतर्गत वर्ष 1990 के पश्चात् हुए भू-अर्जन के प्रकरणों का रिकॉर्ड दुरुस्त करने के निर्देश देते हुए राजस्व विभाग को दस्तावेज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए ताकि अतिक्रमण पर कार्यवाही की जा सके। कलेक्टर ने तहसीलवार राजस्व के लंबित प्रकरणों की समीक्षा करते हुए प्रकरणों को शीघ्रता से निराकृत कर आमजनों को राहत पहुँचाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोई भी प्रकरण अनावश्यक समय सीमा के बाहर नहीं होना चाहिए। सभी राजस्व अधिकारी इस बात का विशेष ध्यान रखें। इस दौरान उन्होंने विभिन्न विभागों के समय-सीमा के लंबित प्रकरण, पीएम पोर्टल एवं मुख्यमंत्री जन चौपाल के लंबित प्रकरणों की समीक्षा की एवं शीघ्रता से निराकरण के लिए आवश्यक निर्देश दिए।