आ ! मेरी सोनचिरैया गौरैया तू कहां खो गई। तेरी चीं चीं के बिना हमारी सुबह बेनूर हो गई….

20 मार्च को गौरैया दिवस। पक्षी प्रेमियों गौरैया को बुलाने घर के छत पर रखे पानी और दाना भरे सकोरे

कोरबासंतोष गुप्ता 19 मार्च (इंडिया टुडे लाइव) प्रत्येक वर्ष 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य गौरैया के बारे में जागरूकता बढ़ाना और घरेलू गौरैया के संरक्षण के उपायों के बारे में लोगों को बताना

 भारत और दुनियाभर में गौरैया पक्षी की संख्या में लगातार कमी आ रही है। विश्व गौरैया दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों को गौरैया के संरक्षण के प्रति जागरूक करना है। गौरैया पृथ्वी पर सबसे आम और सबसे पुरानी पक्षी प्रजातियों में से एक है  मोबाइल युग आने से 25 साल पहले तक शहर के घर-घर में लोगों की सुबह गौरैया की चीं चीं की मीठी आवाज के साथ खुशनुमा हो जाया करती थी। आज ऐसा नहीं है मोबाइल रेडिएशन और पेड़ों की अंधाधुंध कटाई और प्रदूषण के कारण गौरैया का अस्तित्व पूरी तरह से खत्म होती जा रही है यूं कहा जाए जैसे की हमसे रूठ गई है छोटी गौरैया घर आंगन में खुद अपने वाली गौरैया अब दिखाई नहीं देती।
पक्षी संरक्षण प्रेमियों ने 20 मार्च को कालातीत हो चुकी गौरैया की मीठी कहानियों को याद करते हुए उसको फिर से बुलाने के उपाय  कर विश्व गौरैया दिवस मनाने के साथ घर की छतों पर पक्षियों को पीने का पानी और भोजन उपलब्ध कराने के लिए सकोरे रखने की अपील करते हैं इंडिया टुडे लाइव डिजिटल न्यूज़ के माध्यम से एवं

संस्कार श्रीवास्तव ने ट्विटर पर गौरैया संरक्षण को लेकर मार्मिक पोस्ट ट्वीट करते हुए लोगों से गौरैया को बचाने की अपील की। वही विद्या भारती ने गौरैया संरक्षण को लेकर सोशल मीडिया पर प्रचार प्रसार कर गौरैया संरक्षण को लेकर अपील की है।सरस्वती शिशु मंदिर सहित सभी स्कूलों के बच्चों को गौरैया संरक्षण को लेकर ऑनलाइन और ऑफलाइन संदेश प्रसारित किया गया है कि चीं चीं की मीठी आवाज छोटी गौरैया पक्षियों के लिए छतों पर पीने का पानी और भोजन उपलब्ध कराने के लिए सकोरे रखने की अपील की है

गौरैया दिवस – 20 मार्च को नेचर फॉरएवर सोसाइटी भारत और इकोसिस एक्शन फ़ाउंडेशन फ्रांस के सहयोग से विश्व गौरैया दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरूआत नासिक निवासी मोहम्मद दिलावर ने नेचर फॉरएवर सोसायटी की स्थापना कर की थी। गौरैया मनुष्य के इर्द-गिर्द रहना पसंद करती है। गौरैया की संख्या में लगातार कमी एक चेतावनी है कि प्रदूषण और रेडिएशन प्रकृति और मानव के ऊपर क्या प्रभाव डाल रहा है। तो इस ओर काम करने की जरूरत है।

ऐसे बुलाएं रुठी गौरैया को

गौरैया आपके घर में घोंसला बनाए, तो उसे हटाएं नहीं। रोजाना आंगन, खिड़की बाहरी दीवारों पर दाना पानी रखें। गर्मियों में गौरैया के लिए पानी रखें। जूते के डिब्बे, प्लास्टिक की बड़ी बोतलेें और मटकी को टांगे, जिसमें वो घोंसला बना सकें। बाजार से कृत्रिम घोंसले लाकर रख सकते हैं। घरों में धान, बाजरा की बालियां लटका कर रखे।