CM विष्णुदेव साय की मेहनत ने छत्तीसगढ़ में खिलाया कमल, आदिवासी क्षेत्रों में धुआंधार प्रचार से मजबूत हुआ भाजपा का जनाधार

CM Vishnudev Sai's hard work made lotus bloom in Chhattisgarh, BJP's support base strengthened by vigorous campaigning in tribal areas

रायपुर, 5 जून 2024। लोकसभा चुनाव के दौरान छत्तीसगढ़ तथा सीमावर्ती राज्यों में चुनाव प्रचार के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को महती जिम्मेदारी देने की भारतीय जनता पार्टी की रणनीति रंग लाई। राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय जनता पार्टी को हासिल कुल जमा सीटों में बड़ा हिस्सा उन क्षेत्रों का नजर आ रहा है, जहां पर श्री साय ने सघन रूप से प्रचार किया। मध्य भारत के वरिष्ठ आदिवासी नेता के रूप में श्री साय की लोकप्रिय छवि का लाभ भारतीय जनता पार्टी को मिला नजर आ रहा है।

भारतीय जनता पार्टी ने छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, ओडिशा, झारखंड, तेलंगाना, में करीब तीन महीनों तक लगातार चुनाव प्रचार किया। ये सभी आदिवासी क्षेत्र है तथा इन क्षेत्रों के मुद्दे एक जैसे है। अपनी चुनावी सभाओं के माध्यम से श्री साय मतदाताओं को यह समझाने में कामयाब रहे कि आदिवासी मुद्दों का समाधान केवल भारतीय जनता पार्टी ही कर सकती है। वें यह भी समझाने में सफल रहे कि जिस तरह एक आदिवासी को छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री बनाकर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आदिवासी हितों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता साबित की है, उसी तरह सभी आदिवासी क्षेत्रों के कल्याण के लिए उनकी गारंटियों पर भरोसा किया जा सकता है। राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय जनता पार्टी ने कुल 240 सीटें हासिल की है, जबकि मध्य भारत के आदिवासी क्षेत्रों में पार्टी को 75 सीटें प्राप्त हुई है।

श्री साय ने चुनाव की घोषणा होने से बहुत पहले ही इस सभी क्षेत्रों में चुनाव प्रचार शुरू कर दिया था। इस दौरान उन्होंने 109 जन सभाएं और 17 रोड-शो किए। छत्तीसगढ़ में शुरूआती तीन चरणों में ही चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद श्री साय ने स्वयं को पड़ोसी राज्यों में चल रहे चुनाव प्रचार में पूरी तरह झोंक दिया। नौतपे की कड़ी धूप के दौरान भी उनका हेलीकॉप्टर लगभग हर रोज चुनावी आसमान पर उड़ान भरता रहा।

श्री साय को जिन राज्यों में चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, उनमें भारतीय जनता पार्टी ने छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में क्लिन स्वीप किया है। छत्तीसगढ़ की 11 में से 10 सीटों और मध्यप्रदेश की 29 में से 29 सीटों में विजय हासिल कर पार्टी ने कांग्रेस का पूरी तरह सूपड़ा साफ कर दिया। ओडिशा में पार्टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 24 सालों से सत्ता पर काबिज नवीन पटनायक की सरकार को दर किनार कर विधानसभा चुनाव में पहली बार सत्ता हासिल करने में कामयाबी हासिल की है। लोक सभा में पार्टी ने ओडिशा में 20 सीटें हासिल की है। झारखंड में भी पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए 8 सीटें हासिल की है। तेलंगाना में इस बार भाजपा की सीटों की संख्या दोगुनी हो गई है। पार्टी ने वहां 8 सीटें प्राप्त की है। श्री साय ने इन सभी राज्यों के सीमावर्ती क्षेत्रों के साथ-साथ अंदरूनी क्षेत्रों में भी प्रचार किया।

मध्यप्रदेश में सिंगरौली, सीधी, शहडोल, मंडला, डिंडौरी, कटनी, पन्ना, ओडिशा में झारसुगुड़ा, कोटपाड़, हटबरौंदी, उमरकोट, लक्ष्मीपुर, कोंटांगी, कोरापुट, कालाहांडी, नुआपाड़ा, बिजेपुर, सुबड़पुर, बीरमित्रपुर, सुंदरगढ़, कुचिंदा, झारखंड में पश्चिम सिंहभूम, सिमडेंगा, गुमला, जमशेदपुर, साहिबगंज, पाकुड़, दुमका में श्री साय ने धुआंधार चुनाव प्रचार किया। इसी तरह तेलंगाना में उन्होंने भद्राचलम क्षेत्र में जनसभाएं और रोड-शो किए। छत्तीसगढ़ में उन्होंने सभी 11 लोकसभा सीटों में कई दौर की जनसभाएं की और रोड-शो में शामिल हुए।

लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी श्री साय को छत्तीसगढ़ के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट करने के साथ-साथ प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष के तौर पर श्री साय के संगठनात्मक अनुभवों का लाभ लेने में भी सफल रही। पंच से मुख्यमंत्री पद तक की यात्रा के दौरान श्री साय ने अनेक राजनैतिक जमीनी अनुभव प्राप्त किए हैं। वे रायगढ़ क्षेत्र से लगातार चार बार सांसद और केन्द्रीय राज्य मंत्री भी रह चुके है। उनके व्यापक प्रभाव क्षेत्र का लाभ भाजपा को मिला है।

श्री साय छत्तीसगढ़ के जशपुर क्षेत्र के निवासी है। यह क्षेत्र ओडिशा तथा झारखंड से सटा हुआ है। मध्यप्रदेश से भी इस क्षेत्र की निकटता है। इस तरह इस पूरे क्षेत्र की संस्कृति और राजनीतिक परिस्थितियों की श्री साय को गहरी समझ है। तेलंगाना का भद्राचलम क्षेत्र छत्तीसगढ़ के कोण्टा और सुकमा जिलों से सटा हुआ है। इस पूरे क्षेत्र की आदिवासी संस्कृति और मुद्दे एक जैसे हैं। यह पूरा क्षेत्र नक्सलवाद से पीड़ित है तथा दोनों राज्यों के बीच सड़क एवं संचार कनेक्टिविटी की मांग क्षेत्र के लोग लंबे समय से करते रहे हैं।