रायपुर,08 जुलाई। छत्तीसगढ़ सरकार ने गैरजिम्मेदार डॉक्टरों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है. स्वास्थ्य विभाग ने कई दिनों से ड्यूटी से गायब रहने वाले राज्य के 66 डॉक्टरों को नोटिस जारी किया है. नोटिस में सभी डॉक्टरों से उनकी अनुपस्थिति का कारण पूछा गया है. ऐसा नहीं किए जाने पर उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की बात कही गई है. मामले में अनुपस्थित डॉक्टरों की विभागीय जांच होने और आरोप सही पाए जाने पर सेवा समाप्ति की कार्रवाई की जाएगी.
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है, कार्यालय प्रमुख से प्राप्त जानकारी अनुसार आप अपने पदस्थापना स्थल से दिनांक से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित है. ऐसे शासकीय सेवको के विरूद्ध छ.ग. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र कमांक एफ 3-1/2014/1-3 10.02.2015 में उल्लेख है कि “एक माह या उससे अधिक समय तक अनाधिकृत अनुपस्थित को सिविल सेवा पेंशन नियम 1976 के नियम 27 सहपठित मूलभूत नियम 17-ए के अधिन सभी उद्देश्यों के लिए सेवा से व्यवधान माना जावे. ऐसे शासकीय सेवक का किसी भी प्रकार का अवकाश स्वीकृत नहीं किये जावे. साथ ही ऐसे शासकीय सेवकों के विरूद्ध सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के प्रावधानों के तहत तत्काल “दीर्घशास्ति” के लिये विभागीय जांच संस्थित की जावे. इसका निराकरण अधिकतम 6 माह की समायावधि में कर लिया जावे.
आरोप सिद्ध होने पर सेवा से हटाने अथवा सेवा से पदच्युत करने की शास्ति दी जावे. पत्र जारी होने के दिनांक से 07 दिवस के भीतर पदस्थापना स्थल में उपस्थित होना सुनिश्चित करें अनुपस्थिति अवधि के संबंध में कार्यालय प्रमुख के माध्यम से स्पष्टीकरण प्रस्तुत करे. अन्यथा कार्रवाई की जाएगी.