Chandrayaan-3 आज यानी 5 अगस्त की शाम 7 बजे चंद्रमा की ऑर्बिट को पकड़ेगा. चंद्रयान अगर इसमें सफलता हासिल करता है तो यह एक अंडाकार ऑर्बिट में चक्कर लगाएगा. आज से लेकर 23 अगस्त तक चंद्रमा का चक्रव्यूह शुरू होगा. इससे सही सलामत निकल कर चांद की सतह पर जाना जटिल है… पर सफलता जरूर मिलेगी!
Chandrayaan-3 आज शाम सात बजे के आसपास चंद्रमा के ऑर्बिट में जाएगा. अभी तक वह 288 km x 3.70 लाख किलोमीटर की ऑर्बिट में था. अब वह चांद की ग्रैविटी वाले इलाके में जाएगा. यहां पर इसरो एक ऑर्बिट मैन्यूवर करेगा. ताकि चंद्रयान-3 चंद्रमा के ऑर्बिट को पकड़ सके. ताकि किसी तरह की गलती का कोई चांस न रहे.
इसरो प्रमुख डॉ. एस सोमनाथ ने बताया कि अब तक सबकुछ सही है. प्लान के मुताबिक चल रहा है. चांद के चारों तरफ पांच ऑर्बिट मैन्यूवर होंगे. जिसमें आज का लूनर ऑर्बिट इंजेक्शन (Lunar Orbit Injection – LOI) शामिल है. फिलहाल तो यह अंडाकार ऑर्बिट में चक्कर लगाएगा. बाद में इसे कम करके 100 किलोमीटर की गोलाकर ऑर्बिट में डाल दिया जाएगा. यह काम 17 अगस्त तक पूरा किया जाएगा.
LOI यानी चांद की कक्षा में डालते समय चंद्रयान-3 के इंजन को 20 से 25 मिनट के लिए ऑन किया जा सकता है. ताकि वह सही कक्षा पकड़ सके. इसके बाद चंद्रयान जिस दिशा में धरती के चारों तरफ चक्कर लगा रहा था. चंद्रमा के चारों तरफ वह उलटी दिशा में चक्कर लगाएगा. इसके लिए चंद्रयान-3 की दिशा पलटी जाएगी.