निकाय और पंचायत चुनावों में भाजपा दे सकती है नए चेहरों को मौका

BJP can give chance to new faces in civic and panchayat elections

रायपुर, 13 दिसम्बर। निकाय और पंचायत चुनावों को लेकर भाजपा व कांग्रेस अपनी-अपनी रणनीति बनाने में लग गई हैं। एक दूसरे पर तीखे कटाक्ष भी करने लगी हैं। भाजपा संगठन से जुड़े लोगों का कहना है कि इस वर्ष निकाय और पंचायत चुनाव में भाजपा नए युवा चेहरों को मौका दे सकती है।

पिछले दिनों भाजपा संगठन की हुई मैराथन बैठक के बाद इसके संकेत मिल चुके हैं। वहीं, स्थानीय निकायों और पंचायत चुनाव में जातीय समीकरण को भुनाने की तैयारी भी है। भाजपा नेताओं का कहना है कि युवा व नए चेहरों को मौका दिया जाएगा। इससे आम कार्यकर्ताओं का उत्साह बना रहेगा।

वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी का भी है डर


भाजपा की इस रणनीति के चलते पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भी घेरे में आएंगे और टिकट न मिलने से उनमें नाराजगी का भी भय है। इसे देखते हुए ही पार्टी ने निगम-मंडल में होने वाली राजनीतिक नियुक्तियां टाली है, ताकि लोगों की नाराजगी दूर की जा सके।

वहीं, दूसरी ओर बुधवार को राज्य सरकार ने नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायतों के वार्डों में आरक्षण के लिए जिला कलेक्टर को विहित प्राधिकारी नियुक्त किया है। इसके साथ ही महापौर, पालिका, नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी व महिला आरक्षण की अधिसूचना भी जारी कर दी है।

राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार नगर पालिका में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 50 प्रतिशत से कम होने पर वहां शेष स्थान ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित होंगे। किसी भी सूरत में आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा। आरक्षण लॉटरी से निकाले जाएंगे। अगर किसी निकाय में अनुसूचित जाति या जनजाति की जनसंख्या 50 प्रतिशत या उससे ज्यादा है, तो ओबीसी का आरक्षण उस निकाय में शून्य माना जाएगा।

20 के बाद कभी भी लग सकती है आचार संहिता


20 दिसंबर के बाद नगरीय निकाय व त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की घोषणा हो सकती है और घोषणा होते ही आचार संहिता लग जाएगी। संभावना जताई जा रही है कि ये चुनाव बजट सत्र के पहले हो जाएंगे और चार से पांच चरणों में पूरे किए जाएंगे।