मामला बांगो थाना क्षेत्र के गुरसियां का, लगा रहा मजमा
रेत का अवैध खनन और परिवहन को लेकर जिले में बढ़ रहा विवाद
कोरबा/ जिले मे रेत उत्खनन व परिवहन के मामले में लगातार विवाद हो रहा है। प्रशासन ने 10 जून से 15 अक्टूबर तक रेत उत्खनन पर प्रतिबंध लगा दिया है। बावजूद माफिया व ठेकेदार बिना रायल्टी के रेत का अवैध उत्खनन व परिवहन कर राजस्व को नुकसान पहुंचा रहे है।जिले में रेत का अवैध खनन और परिवहन को लेकर मामला तूल पकड़ता जा रहा है। शहर क्षेत्र से लेकर उप नगरीय और ग्रामीण व दूरस्थ अंचलों में जहां भंडारण पर सवाल उठाये जाते रहे हैं और अवैध भंडारण को जुर्माना वसूलकर वैध बनाने का खेल चल रहा है वहीं बरसात में प्रतिबंध के बावजूद नदियों में जबरन ट्रेक्टर, जेसीबी उतार कर रेत निकाली जा रही है। जिन्हें इस कार्य का लायसेंस मिला है, उनके विरुद्ध प्रायोजित माहौल तैयार कर विरोध की बातें सामने आ रही हंै और जो अवैध काम कर रहे हैं, वे बे-रोक-टोक जबरजस्ती रेत खोद कर बेच रहे हैं। बालको के चुइया में यह देखा गया है
इस तरह का मामला बांगो थाना अंतर्गत गुरसियां में सामने आया जहां कांग्रेस और भाजपा के नेता वैध-अवैध रेत को लेकर आमने-सामने हो गए। भाजपा नेता पूर्व जनपद उपाध्यक्ष अक्षय गर्ग के साथ कांग्रेस नेता जनपद सदस्य भोला गोस्वामी द्वारा गाली-गलौच कर धक्का-मुक्की,खींचतान की गई।
रेत विवाद में अक्षय गर्ग गुरसियां तान नदी से अवैध रूप से रेत निकालने पहुंचे कांग्रेस नेता जनपद सदस्य भोला गोस्वामी के ट्रेक्टर को रोकने के लिए ट्रेक्टर पर ही बैठ गये थे। इनके द्वारा इस बात का विरोध किया गया कि अवैध रूप से रेत खोदने और बेचने वालों पर प्रशासन, खनिज विभाग और पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है जबकि वैध लायसेंसी काम करने वालों के लिये रोड़े अटकाये जा रहे हैं। अक्षय गर्ग ने भोला गोस्वामी के ट्रेक्टर को रोका तो उसके लोगों और भोला गोस्वामी ने गाली-गलौच करते हुए जबरजस्ती खींचकर धक्का-मुक्की करते हुए अक्षय गर्ग को वहां से हटाया और पुलिस के सामने से रेत भरी ट्रेक्टर लेकर फरार हो गया। अक्षय गर्ग ने आरोप लगाया है कि प्रशासन, पुलिस व खनिज विभाग कार्रवाई में भेदभाव कर रहा है क्योंकि इससे पहले शनिवार की रात 9 बजे गुरसियां नदी में भोला गोस्वामी के लोगों ने ट्रेक्टर उतारा था और रात में ही रास्ते में पकड़ कर सूचना तहसीलदार, माईनिंग व बांगो थाना को दी गई थी लेकिन मौके पर कोई भी नहीं पहुंचा और रविवार सुबह को जबरजस्ती की गई।
लायसेंसी भंडारण के बावजूद कार्य में दिक्कत
बता दें कि अक्षय गर्ग के भाई अभय गर्ग के नाम पर रेत के भण्डारण का लायसेंस खनिज विभाग द्वारा जारी किया गया है लेकिन अभय गर्ग प्रायोजित विरोध की राजनीति का शिकार होता आया है। अभय गर्ग ने बताया कि दो दिन पूर्व रात के वक्त जब उसकी पोकलेन मशीन भंडारण स्थल पर खड़ी थी तब चालक को दबाव डालकर स्थानीय कुछ ग्रामीणों के द्वारा नदी के बीच ले जाया गया और अवैध खनन का हल्ला मचाते हुए प्रायोजित तरीके से इसकी जप्ती बनवाई गई। इसकी जानकारी होने पर अभय गर्ग दौड़ा-भागा बांगो थाना पहुंचा और लिखित शिकायत दर्ज कराया कि उसकी मशीन को गांव के कुछ लोगों के द्वारा ऑपरेटर से मारपीट कर धमकी देकर जबरन नदी में ले जाया गया है और किसी भी तरह की हानि हो सकती है। शिकायत की उसे पावती नहीं दी गई और कोई कार्रवाई आज तक इस मामले में नहीं हुई है।
0 अवैध रेत बनी प्रशासन के आंखों की किरकिरी
जिले में अवैध रेत खनन और परिवहन के लगातार सामने आते मामले प्रशासन के आंखों की किरकिरी बनते जा रहे हैं। 10 जून से 15 अक्टूबर तक पर्यावरणीय कारणों से रेत के खनन पर प्रतिबंध लगाया गया है। प्रतिबंध से पूर्व लायसेंसी भंडारण स्थल पर भंडारित की गई रेत को ही बेचा जा सकता है। इसके विपरीत जिले के नदियों से बेखौफ रेत दिन-रात खोदी और बेची जा रही है। भंडारण का लायसेंस कुछ लोगों को ही प्राप्त है, लेकिन जिस पैमाने पर सुबह से लेकर रात तक बिना रुके रेत का परिवहन हो रहा है, भंडारण की रेत तो अब खाली हो जानी चाहिए थी। इन दिनों शहर से लगा सीतामणी-भिलाईखुर्द, कुदुरमाल, बरबसपुर, सर्वमंगला से लगा इलाका बरमपुर, राताखार-गेरवाघाट काफी सुर्खियों में है जहां रेत माफिया प्रशासन को ही आंख दिखाकर अपना काम कर रहे हैं। रेत चोरी में लगे लोग यह दावा करते नहीं थकते कि हम तो पुलिस से लेकर प्रशासन और खनिज अधिकारियों तक पहुंचा रहे हैं, फिर हमारा काम कैसे रुकेगा?