चैत्र नवरात्र में श्री हित सहचरी सेवा समिति का भक्ति महोत्सव: नीरू राय के नेतृत्व में गूंजा सुंदरकांड, जस-गीतों पर थिरकी श्रद्धा, समय पर सहभागिता और सहयोग से सजी दिव्य संध्याएं”

Bhakti Mahotsav of Shri Hit Sahachari Seva Samiti in Chaitra Navratri: Sunderkand resonated under the leadership of Neeru Rai, devotion danced on Jas-geet, divine evenings were decorated with timely participation and cooperation"

कोरबा/चैत्र नवरात्रि के पावन अवसर पर श्री हित सहचरी सेवा समिति द्वारा आयोजित नौ दिवसीय संध्या सुंदरकांड श्रृंखला ने क्षेत्र में राम नाम की ऐसी अखंड ज्योति जलाई, जिसने हर घर को मंदिर का स्वरूप दे दिया। समिति की प्रेरणास्रोत संरक्षिका श्रीमती नीरू राय के नेतृत्व में घर-घर जाकर सुंदरकांड पाठ, भजनों, जस गीतों और भाव नृत्य की ऐसी अनुपम श्रृंखला रची गई, जिसने श्रद्धालुओं के मन को पूर्णतः भक्ति में डुबो दिया।

श्रीमती श्वेता राय ने इस आयोजन में निस्वार्थ और आत्मीय सहयोग प्रदान किया, जिससे आयोजन की गरिमा और भक्ति दोनों का स्तर ऊँचा हुआ। संयोजन, समन्वय और सहयोग के रूप में उनका योगदान विशेष उल्लेखनीय रहा।


भक्ति, समय, और सेवा का संगम:
इस आयोजन की विशेषता केवल धार्मिक आयोजन तक सीमित नहीं थी, बल्कि यह एक ऐसा सांस्कृतिक एवं पारिवारिक मिलन बन गया, जिसमें समय पर उपस्थिति, सेवा भाव, और उत्साहपूर्वक भागीदारी ने आयोजन को सफलतम रूप प्रदान किया।
समिति की समर्पित महिलाओं ने न केवल संध्या में समय पर पहुंचकर प्रतिदिन आयोजन को क्रमबद्ध और दिव्य बनाए रखा, बल्कि घर-परिवार की जिम्मेदारियों को निभाते हुए भी भक्ति से अपना संबंध नहीं टूटने दिया। यह आयोजन वास्तव में उनकी निष्ठा, दीक्षा और अनुशासन का साक्षात् प्रमाण था।


भावनात्मक प्रस्तुतियां और जस गीतों की मधुरिमा:
सुंदरकांड पाठ के पश्चात जब जस गीतों की स्वर-लहरियां गूंजतीं, तो श्रद्धालु महिलाओं और बालिकाओं द्वारा प्रस्तुत भक्ति नृत्य उस वातावरण को जैसे स्वर्गीय बना देते। उनकी भाव-भंगिमा, पारंपरिक वेशभूषा, और समर्पण, सभी ने मिलकर संध्या को एक भक्ति-दर्शन का स्वरूप दिया। ऐसा प्रतीत होता जैसे भक्ति साक्षात् मूर्त रूप में प्रकट हो गई हो।


सभी परिवारों का अनुपम सहयोग:
इस भक्ति यात्रा की सफलता केवल एक समिति की नहीं, बल्कि पूरे समुदाय की सहभागिता का फल थी। हर परिवार ने, चाहे वह आयोजन स्थल हो या सहभागी, अपने समय, संसाधन और प्रेम से इसे पूर्णता दी। बच्चों से लेकर वरिष्ठजनों तक, सभी ने एक स्वर में राम नाम का संकीर्तन किया।


सभी मातृशक्तियों का अमूल्य योगदान:
इस आयोजन की रीढ़ बनीं समिति की समर्पित सदस्याएं —
मंजूलता गुप्ता, मीनाक्षी शर्मा, राजश्री पांडे, मीना ठाकुर, निव्या विनायक, श्वेता दुबे, प्रियंका सिन्हा, श्रद्धा कर्मी, रजनी श्रीवास्तव (शाह आंटी), भावना स्वर्णकार, पटेल आंटी, सलिका गोयल, प्रियंका वर्मा, मीनू पांडे, नेहा सिन्हा, किरण सिंह, विनीता सिंह, अंजना सिंह, अंशु सिंह, कविता, मेघा उपाध्याय, अर्चना सिंह, मीणा वनाफर, राजेश्वरी, दमयंती सिंह, गीता वरवली, गुड़िया सिंह, कुसुम, प्रभा नायक, आभा प्रसाद, राम उपाध्याय, रीना दुबे, रूप मन्नार, रानी जयसवाल और तुलसी — सभी ने समय पर सहभागिता, प्रेमपूर्ण सेवा, और सच्चे समर्पण से आयोजन को एक आध्यात्मिक महोत्सव में परिवर्तित कर दिया।


समापन की भक्ति लहर:
हर दिन का समापन सामूहिक आरती, प्रसाद वितरण, और परिवार संग भजन-कीर्तन के साथ होता, जिससे पूरे क्षेत्र में एकता, अध्यात्म और आनंद की लहर दौड़ जाती। यह आयोजन भक्ति के उस स्वरूप का प्रतीक बन गया, जिसमें केवल पूजा नहीं, संस्कार, संस्कृति और समर्पण का संगम हो।