हो जाइए अलर्ट…टॉर्चर वाली गर्मी से हार्ट अटैक और हीट स्ट्रोक का बढ़ा खतरा…

Be alert… Torture heat increases the risk of heart attack and heat stroke…

राजधानी दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में गर्मी का कहर जारी है. दिल्ली के नजफगढ़ में तापमान 49.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. गर्मी ने यहां 100 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. राजस्थान में भी पारा 50 डिग्री से अधिक हो गया है. इतनी तेज गर्मी के कारण लोगों को कई समस्याएं हो सकती हैं. डॉक्टरों का कहना है कि तापमान बढ़ने से हीट स्ट्रोक ( लू लगना) , डिहाइड्रेशन ( शरीर में पानी की कमी) और हार्ट अटैक जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ती हैं. ये तीनों बीमारियां काफी खतरनाक हैं और जानलेवा भी हैं. ऐसे में अलर्ट रहने की जरूरत है.

डॉक्टरों का कहना है कि अत्यधिक गर्मी से शिशुओं, बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों के लिए गंभीर खतरा हो सकता है. तापमान 50 डिग्री के करीब पहुंचने से हीट स्ट्रोक यानी लू लगने का खतरा दोगुना हो जाता है. हीट स्ट्रोक के कारण हार्ट अटैक भी आ सकता है. हीट स्ट्रोक तेज गर्मी से होने वाली बीमारी है, जिसमें शरीर का तापमान असामान्य रूप से बढ़ जाता है. हीट स्ट्रोक एक ऐसी स्थिति है, जिसमें अगर समय पर इलाज न हो तो यह जानलेवा साबित हो सकती है.

हीट स्ट्रोक हार्ट अटैक का कैसे बनता है कारण?

लेडी हार्डिंग हॉस्पिटल में मेडिसिन विभाग में एचओडी डॉ एल. एच घोटेकर ने कहा, ज्यादा गर्मी के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है. जिसकी वजह से खून का वॉल्यूम कम होने लगता है दिल पर इससे प्रेशर पड़ता है. हार्ट पर प्रेशर पड़ने के कारण दिल का दौरा पड़ने का रिस्क होता है. गर्मी में शरीर से पसीना भी ज्यादा बहता है. इससे शरीर में सोडियम की मात्रा कम हो जाती है. यह हार्ट की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी को सही से काम नहीं करने देता है. इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी सही न होने से हार्ट बीट बहुत तेज हो जाती है और इससे भी दिल पर प्रेशर पड़ता है. चूंकि इतने तापमान में हीट स्ट्रोक के मामले बढ़ जाते हैं तो ऐसे में हार्ट अटैक के केस भी बढ़ जाते हैं.

हीट एग्ज़ॉस्शन के मामले भी बढ़ेंगे

नोएडा के फोर्टिस हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ अजय अग्रवाल बताते हैं कि बढ़ रहे तापमान से हीट एग्ज़ॉस्शन (गर्मी से होने वाली थकावट) के मामले बढ़ रहे हैं. इसकी वजह से लोगों को पेट में दर्द, मितली- उल्टी और दस्त की समस्या हो रही है. गर्मी की वजह से थकावट (हीट एग्ज़ॉस्शन) महसूस करने वाले मरीजों में घबराहट, कमजोरी, सिरदर्द जैसी परेशानी भी देखी जा रही है.

चूंकि अब तापमान 50 डिग्री के पास पहुंच गया है तो ऐसे मामले काफी बढ़ सकते हैं. ऐसे में लोगों को अब काफी सावधानी बरतनी होगी. जो लोग धूप में बाहर रहते हैं उनको सबसे ज्यादा खतरा है. इसके अलावा बुजुर्ग, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को भी सेहत का ध्यान रखने की जरूरत है. हीट एग्ज़ॉस्शन और हीट स्ट्रोक दोनों बीमारियों के ही केस बढ़ सकते हैं. ऐसे में इनके लक्षण और बचाव के बारे में जानना चाहिए.

हीट स्ट्रोक के लक्षण क्या हैं –

  • चक्कर आना, बेहोशी
  • सूखी लाल और गर्म त्वचा
  • जी मिचलाना
  • 105 डिग्री फ़ारेनहाइट या इससे अधिक तापमान
  • गर्मी, उमस के बावजूद पसीना नहीं आना

हीट स्ट्रोक होने पर क्या करें

  • अपने आप पर पानी छिड़के
  • सिर को कपड़े से कवर कर लें
  • कोई भी तरल पदार्थ न पियें
  • तुरंत अस्पताल जाएं

तेज गर्मी से कैसे करें बचाव –

  • इससे बचने के लिए आपको पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए (करीब 2 से 3 लीटर प्रतिदिन)
  • बाहर जाएं तो अपने सिर को टोपी से ढककर रखें
  • हल्के-फुल्के सूती कपड़े पहने
  • बाहर से घर वापस आकर सीधा नहाने न जाएं और 20 से 30 मिनट के बाद स्नान करें
  • बच्चों और बूढ़ों को घरों से बाहर नहीं निकलने दें
  • अगर पसीना ज्यादा आता है तो पानी में नमक और चीनी मिलाकर पिएं
  • दिन में इस समय चाय-कॉफी न पिएं
  • ऑइली खाने से बचें
  • पानी वाले फलों का सेवन ज्यादा करें