रायपुर 30 जुलाई 2024। उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के प्रधानमंत्री आवास के सवाल पर पलटवार किया है। वो प्रश्नों के उत्तर को आधा अधूरा पेश कर रहे हैं। श्री साव ने कहा कि, शहरी प्रधानमंत्री आवास और ग्रामीण प्रधानमंत्री आवास योजना को एक साथ जोड़कर भ्रम पैदा ना करें। दोनों अलग-अलग योजना है। शहरों में लगातार आवास बना रहे हैं। वहीं ग्रामीण आवास की स्वीकृति जैसे ही केंद्र से मिलेगी, वैसे ही गरीबों के लिए आवास स्वीकृत कर देंगे।
श्री साव ने कांग्रेस से पूछा कि, टीएस सिंहदेव ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्री पद से इस्तीफा क्यों दिया था? उन्होंने अपने इस्तीफे में क्या लिखा था, उन्होंने झूठ बोला था क्या? कांग्रेस इसे स्पष्ट करे। उन्होंने लिखा था कि मैं गरीबों को आवास उपलब्ध नहीं करा पाया हूं, आपसे मुख्यमंत्री (भूपेश बघेल) जी कई बार आग्रह किया, लेकिन आपने आवास नहीं दिया। इसके बाद भी ये लोग बोल रहे हैं, दुर्भाग्य है कि कांग्रेस नेता अब इस पर राजनीति कर रहे हैं।
उपमुख्यमंत्री श्री साव ने रायपुर आवास में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि, कांग्रेस के समय केंद्र सरकार ने राज्यांश के लिए कई बार पत्र लिखा था, लेकिन भूपेश बघेल की सरकार ने राज्यांश उपलब्ध नहीं कराया। श्री साव ने बताया कि, मोर आवास, मोर अधिकार आंदोलन के दौरान उस पत्र को सार्वजनिक रूप से जारी किया था।
उपमुख्यमंत्री श्री साव ने कहा कि, कांग्रेस की सरकार ने गरीबों को पीएम आवास के लिए तरसाया था, आज ये घड़ायली आंसू बहा रहे हैं। विधानसभा में शहरी आवास को लेकर प्रश्न किया गया था। और शहरी आवास के लिए योजना दिसंबर 2024 तक थी। इस योजना के लिए हमारी सरकार बनने के बाद केंद्र से लगभग 200 करोड़ रुपए आया है।कांग्रेस के समय में प्रति महीने लगभग डेढ़ हजार आवास बनते थे। अब हमारी सरकार बनने के बाद 5 हजार आवास हर माह बन रहे हैं। 400 करोड़ रुपए की राशि शहरी आवास के हितग्राहियों को दिया है। स्पष्ट रूप से सरकार ने कहा है कि, पीएम आवास दिलाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। कांग्रेस सरकार ने गरीब के साथ अन्याय किया है। गरीबों के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है।