आखिर पहुंची उम्मीद की रोशनीपतुरियाडाँड़ हाई स्कूल में अंग्रेजी व्याख्याता मिलने से छात्रों के सपनों को मिली नई उड़ान

A ray of hope has finally arrived. With the appointment of an English lecturer at Paturiyand High School, the dreams of the students have taken a new flight.

कोरबा 22 नवम्बर 2025/पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के अंतिम छोर पर बसे छोटे से गाँव पतुुरियाडाँड़ के लिए हाई स्कूल खुलना किसी वरदान से कम नहीं था। वर्षों तक आसपास के गांवों के बच्चे सिर्फ इसलिए आगे की पढ़ाई से वंचित हो जाते थे क्योंकि हाई स्कूल की दूरी अधिक थी। लेकिन जब गाँव में हाई स्कूल प्रारंभ हुआ, तो यह न सिर्फ गांववासियों के लिए खुशी का क्षण था, बल्कि उन बच्चों के लिए नई उम्मीद थी जो उच्च शिक्षा का सपना मन में लिए बैठे थे।

हाई स्कूल खुलने के बावजूद छात्रों के सामने एक बड़ी चुनौती थी कि अंग्रेजी विषय का नियमित शिक्षक उपलब्ध नहीं था। गांव के अधिकांश बच्चे अंग्रेजी और गणित को कठिन विषय मानते थे। अंग्रेजी शिक्षक न होने के कारण खासकर छात्राओं के सपनों पर असर पड़ने लगा था, क्योंकि इस स्कूल में उच्च शिक्षा का सपना देखने वाली अधिकांश विद्यार्थी लड़कियां ही थीं। सरकार की युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया इस विद्यालय के लिए किसी सौभाग्य की तरह साबित हुई। इसी प्रक्रिया के तहत यहाँ अंग्रेजी विषय के व्याख्याता श्री विजय कुमार राठौर की नियुक्ति हुई। व्याख्याता के रूप में उन्होंने चार-पांच महीने पहले ज्वाइनिंग दी और तभी से छात्रों के लिए अंग्रेजी का डर धीरे-धीरे कम होता गया।

अब बच्चे बताते हैं कि “सर के आने के बाद अंग्रेजी पढ़ना मुश्किल नहीं लगता। अब हमें समझ में भी आता है और नियमित क्लास भी होती है।”

कक्षा 9वीं की छात्राएँ कुमार धन कुंवर, सुनती, सरिता, सपना, विक्रम और 10वीं के विद्यार्थी आकांक्षा, अमृता, राजकुमारी, विजय, विष्णु, अशोक सभी एक ही बात कहते हैं “अगर शिक्षक नहीं होते तो हम कठिन विषय में फेल भी हो सकते थे। अब हमें अपने भविष्य पर भरोसा है।”

गांव के लोगों के चेहरे पर भी खुशी झलकती है। वर्षों से जिस योग्य शिक्षक की कमी महसूस होती थी, वह अब पूरी हो गई है। आज गांव के बच्चे अंग्रेजी में मजबूत हो रहे हैं, परीक्षा के लिए तैयार हो रहे हैं और अपने सपनों को उड़ान देने के लिए आत्मविश्वास से भर चुके हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार की युक्तियुक्तकरण नीति ने पतुरियाडाँड़ के इस विद्यालय का भविष्य ही नहीं बदला है, बल्कि उन सैकड़ों बच्चों की जिंदगी में नई रोशनी भरी है, जो कल अपने परिवार और क्षेत्र का नाम रोशन करेंगे।