कोरबा / विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल द्वारा कोरबा के अभिभावकगण एवं जागरुक नागरिक आपके संज्ञान में एक गंभीर विषय लाना चाहते हैं। जिले के कई निजी विद्यालयों में छात्रों को अनिवार्य रूप से क्रिसमस कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए बाध्य किया जा रहा है, जिसमें क्रिसमस ट्री सजाना,विभिन्न वेशभूषा पहनना तथा अन्य धार्मिक गतिविधियाँ शामिल हैं।
हम सनातन धर्म का पालन करते हैं और यह मानते हैं कि किसी भी छात्र या अभिभावक पर अन्य धर्म के त्योहार मनाने के लिए दबाव
बनाना अनुचित एवं असंवैधानिक है। शिक्षा संस्थानों का प्राथमिक कर्तव्य शिक्षण कार्य पर ध्यान केंद्रित करना है, न कि किसी विशेष धर्म का
प्रचार-प्रसार करना ।
हमारी मुख्य आपत्तियाँ इस प्रकार हैं:
धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघनः भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत प्रत्येक नागरिक को अपने धर्म के पालन की स्वतंत्र दी गई है। छात्रों को अन्य धर्म के त्योहारों को मानने के लिए बाध्य करना उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
संस्कृतिक आस्था पर चोटः ऐसे कार्यक्रमों से बच्चों और अभिभावकों पर मानसिक दबाव पड़ता है तथा उनकी सांस्कृतिक मान्यताओं का अनादर होता है।
अनावश्यक कार्यक्रमः विद्यालयों को अनिवार्य शैक्षणिक कार्यो पर ध्यान देना चाहिए, न कि धार्मिक गतिविधियों को थोपने का प्रयास
करना चाहिए।
हमारी आपसे विनम्र माँगें इस प्रकार हैं:समस्त निजी विद्यालयों को निर्देशित किया जाए कि वे छात्रों को क्रिसमस या अन्य धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए बाध्य न
करें।
ऐसे विद्यालयों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए जो अभिभावकों और बच्चों पर दबाव डालते हैं।
सभी विद्यालयों को एक परिपत्र जारी कर यह सुनिश्चित किया जाए कि छात्रों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान किया जाए तथा
स्कूलों में धर्मनिरपेक्ष वातावरण बनाया जाए।
अतः आग्रह है कि उपरोक्त विषय पर शीघ्र संज्ञान लेते हुए आवश्यक कार्यवाही करें ताकि हमारी भावनाओं और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा हो सके।
शैक्षणिक संस्थाओं में अनावश्यक क्रिसमस कार्यक्रमों को बंद कराने हेतु शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा
A memorandum was submitted to the education officer to stop unnecessary Christmas programs in educational institutions