- शिक्षकों बुद्धिजीवियों ने भी कदम को सराहा
कोरबा। हमारी पहचान हमारी संस्कृति होती है। संस्कृति का मतलब अपने खानपान रहन सहन व्रत त्यौहार भाषा लोक परंपरा धर्मकला साहित्य संस्कृति इतिहास आदि से है। इन सभी को आधार में रखते हुए कक्षा चार से 12 तक सरस्वती शिशु मंदिरों में यह परीक्षा एक साथ आयोजित की गई।
सशिमं एनटीपीसी प्रगतिनगर में बच्चे बड़े उत्साह के साथ यह परीक्षा देने के लिए आए थे। परीक्षा पीएससी के पैटर्न पर आयोजित की गई जिसमें सही विकल्प का चयन करते हुए गोले को काला करना था। बच्चे और पेरेंट्स इस तरह की परीक्षा को लेकर बहुत उत्सुक रहे। परंपरागत से हटकर यह परीक्षा बच्चों के लिए जिज्ञासा भरी थी पेपर शुरू होने से पहले रूम में ड्यूटी कर रहे शिक्षकों ने बच्चों को पीएससी पैटर्न पर जरूरी जानकारी अंकित करने का प्रशिक्षण दिया। इसके बाद जैसे ही परीक्षा शुरू हुई बच्चे उत्तर लिखने में जुट गए। परीक्षा के बाद बच्चे काफी खुश और संतुष्ट नजर आ रहे थे। पैरंट्स ने कहा कि इस तरह की परीक्षा सराहनीय है। प्राचार्य लक्ष्मीनारायण जयसवाल , प्रधानाचार्य परसराम देवांगन , ललित कुमार तिवारी , चंद्रपाल यादव , शिवनारायण साहू , मुरारीलाल साहू , राजेंद्रकुमार राठौर , गीताराम देवांगन , मंजू शर्मा , सरस्वती यादव आदि शिक्षकों के मार्गदर्शन में परीक्षा सफलतापूर्वक संपन्न हुई।
अपनी भारतीय संस्कृति का ज्ञान परखने के लिए टीचर्स स्टूडेंट के साथ आम लोगों में जबरदस्त उत्साह जिज्ञासा बनी रही। सरस्वती शिक्षा संस्थान के प्रचार प्रमुख संस्कार श्रीवास्तव ने बताया कि भारत की धर्म कला साहित्य संस्कृति भारतीय इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाएं महान पुरुष विभूतियां क्रांतिकारियों की जीवनी आदि को लेकर पीएससी परीक्षा के पैटर्न पर हर कक्षा के बच्चों के बौद्धिक क्षमता के अनुसार प्रश्न पत्र बनाकर परीक्षा आयोजित की जाती है। इस परीक्षा की सराहना कालेज के प्रोफेसर और अन्य बुद्धिजीवियों ने की है। आम जनता को भी इस परीक्षा से जोड़ा गया है।
किसी भी देश की पहचान उसकी संस्कृति से होती है। भारतीय संस्कृति के कारण भारत विश्वगुरू रहा है। हमको अपनी संस्कृति को बचाए रखते हुए इस को स्वाभिमान से जोड़ने की जरूरत है। संस्कार श्रीवास्तव ने खुद लोगों को प्रेरणा देने के लिए प्रमोशनल वीडियो यूट्यूब पर अपलोड किया है।
भारत को मातृभूमि बताते हुए भारत की सांस्कृतिक विरासत की विस्तार से जानकारी हिंदू समाज वसुदेव कुटुंबकम भारत के नागरिकों के बीच समरसता भारतीय संस्कारों की पावन परंपरा भारत के सांस्कृतिक पर्व एवं मेल 16 संस्कार अष्टांग योग सात ग्रंथ भारत का गौरवशाली इतिहास भारत पर विदेशी आक्रमण और उनका विरोध भारत की विश्व व्यापी प्रतिष्ठित होती भारतीय संस्कृति भारत का संस्कृत ज्ञान और शौर्य भारतीय विज्ञान की उज्जवल परंपरा भारत के वैज्ञानिक भारत का आयुर्वेद अंतरिक्ष विज्ञान भारत की आधुनिकतम उपलब्धियां भारत का सामान्य ज्ञान पुरस्कार एव सम्मान संसद की प्रणाली विद्या भारती अंतर्राष्ट्रीय दिवस और भारत के राष्ट्रीय नायक।