छत्तीसगढ़ में इन दिनों सीएम भूपेश बघेल को दिए गए “कका’ सम्बोधन को लेकर सियासत चल रही हैै। केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के कका को खाका कहने पर सीएम भूपेश बघेल ने इसे छत्तीसगढ़ की जनता का अपमान बताया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लोग प्यार से काका बुलाते हैं। अधिकांश सभा में कका का नारा भी गूंजता है। कई बार सभाओ में कका अभी जिंदा है, कका है तो भरोसा है जैसे नारे गूंजते रहे हैं। लेकिन छत्तीसगढ़ दौरे पर आये केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने छत्तीसगढ़िया लोगों के दुलार से मुख्यमंत्री को “काका” नाम दिये जाने पर कटाक्ष किया है। मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज ने कहा कि काका नहीं ये खाखा है। मुख्यमंत्री ने आज गिरिराज सिंह के उस बयान पर पलटवा किया है।
इससे पहले कांकेर में मीडिया के सवालों के जवाब में गिरिराज सिंह ने कहा था कि ये काका नहीं खाखा हैं। छत्तीसगढ़ की जनता के पैसों को भूपेश बघेल ने खाया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज इस मामले पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें कका नाम छत्तीसगढ़ के युवाओं ने, छत्तीसगढ़ के लोगों ने दिया है। अगर वो उस नाम का मजाक बनाते हैं तो ये छत्तीसगढ़ का अपमान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएम ने कहा कि उन्हें कका का टाइटल प्रदेश की जनता ने दिया है……. ऐसे में इसका मजाक उड़ाना प्रदेश के लोगों का अपमान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने ये टाइटल खुद नहीं रखा है। वो कार्यक्रमों में जाते हैं तो लोग उन्हें कहते हैं कका है तो भरोसा है, कका अभी जिंदा है। लोग खुद से आगे होकर ये बातें कही है, मैंने तो कभी नहीं कहा कि मुझे इन शब्दों से संबोधित करिये। कका शब्द का अर्थ गिरिराज सिंह शायद नहीं जानते हैं। वो इस तरह से छत्तीसगढ़ की जनता का अपमान कर रहे हैं।