SECL ने बढ़ाया उत्पादन का दबाव, मेगा प्रोजेक्ट दीपका बना प्रमुख केंद्र; हरदीबाज़ार विस्तार में तेज़ी

SECL ramps up production pressure, mega project Dipka becomes a major hub; Hardibazar expansion accelerates

कोरबा,22 नवम्बर 2025। बरसात के चलते लंबे समय तक बाधित रहे कोयला उत्पादन को पटरी पर लाने के बाद अब एसईसीएल ने लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में पूर्ण गति से कदम बढ़ा दिए हैं। प्रबंधन ने सभी खदानों में उत्पादन बढ़ाने के लिए तेज़ रणनीति लागू की है, जिसके नतीजे अब स्पष्ट तौर पर दिखने लगे हैं। पखवाड़े पहले जहां प्रतिदिन मात्र साढ़े तीन लाख से चार लाख टन कोयले का उत्खनन हो रहा था, वहीँ अब कंपनी ने पांच लाख टन प्रतिदिन का आंकड़ा पार कर लिया है। एसईसीएल का दावा है कि आने वाले दिनों में यह उत्पादन और तेज़ होगा, जिससे वार्षिक लक्ष्य समय पर पूरा किया जा सकेगा।

उत्पादन वृद्धि की इस रफ्तार में जिले की मेगा परियोजनाओं—गेवरा, कुसमुंडा और विशेष रूप से मेगा प्रोजेक्ट दीपका—की भूमिका अहम बन गई है। दीपका परियोजना वर्तमान में उत्पादन और विस्तार—दोनों मोर्चों पर सबसे सक्रिय और प्रमुख केंद्र के रूप में उभर रही है। परियोजना के महाप्रबंधक संजय कुमार मिश्रा ने बताया कि दीपका में प्रतिदिन एक लाख टन से अधिक कोयला उत्खनन लगातार दर्ज किया जा रहा है। बारिश के कारण जहां पहले काम प्रभावित हुआ था, वहीं अब बड़े स्तर पर पंपिंग, ओबी हटाने और मशीनरी संचालन में सुधार कर उत्पादन को तेज़ कर दिया गया है।

दीपका परियोजना के विस्तार को लेकर भी महत्वपूर्ण प्रगति हो रही है। हरदीबाज़ार क्षेत्र में प्रोजेक्ट विस्तार के लिए मिश्रा के नेतृत्व में तेज़ी से सर्वे और नापी का काम चल रहा है। अब तक 200 से अधिक मकानों का सर्वे एवं मापन कार्य पूरा किया जा चुका है, जिसे परियोजना विस्तार के अगले चरण के लिए आवश्यक माना जा रहा है। विस्तार प्रक्रिया के पूर्ण होने पर उत्पादन क्षमता में और अधिक वृद्धि होगी।

मेगा प्रोजेक्ट गेवरा में इन दिनों प्रतिदिन लगभग 1 लाख 50 हजार टन जबकि कुसमुंडा परियोजना में प्रतिदिन एक लाख टन से अधिक कोयला उत्खनन हो रहा है। तीनों मेगा प्रोजेक्ट्स की संयुक्त रफ्तार एसईसीएल की कुल उत्पादन क्षमता को नई मजबूती दे रही है। इस वजह से कंपनी के कुल दैनिक उत्पादन का आंकड़ा पांच लाख टन से ऊपर स्थिर होता दिख रहा है।

प्रबंधन ने भी उत्पादन की इस तेज़ रफ्तार को बनाए रखने के लिए क्षेत्रीय स्तर पर निरीक्षण और समीक्षा बैठकों की संख्या बढ़ा दी है। एसईसीएल के सीएमडी हरीश दुहन ने हाल ही में कुसमुंडा और गेवरा खदानों का दौरा कर अधिकारियों को निर्देश दिए कि लक्ष्य के अनुरूप सुरक्षित, तेज़ और गुणवत्तापूर्ण उत्पादन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने खदानों के विभिन्न पैचों का निरीक्षण कर मशीनों के अधिकतम उपयोग और टीम भावना के साथ कार्य करने पर जोर दिया। इससे पूर्व निदेशक तकनीकी ने भी खदानों का विस्तृत निरीक्षण करते हुए उत्पादन की प्रगति पर संतोष जताया था।

बारिश के मौसम में पानी भराव, ढलान प्रबंधन और मशीनरी बाधा जैसी चुनौतियों के चलते खदानों में उत्पादन काफी प्रभावित रहा था। लेकिन मौसम साफ होते ही सभी खदानों में युद्धस्तर पर तैयारी कर उत्खनन कार्य को गति दी गई। परिणामस्वरूप उत्पादन न केवल सामान्य स्तर पर लौट आया, बल्कि पहले से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है।

उम्मीद की जा रही है कि आने वाले सप्ताहों में एसईसीएल न सिर्फ अपने निर्धारित वार्षिक लक्ष्य तक पहुंचेगा, बल्कि मेगा प्रोजेक्ट दीपका की मजबूत भूमिका और हरदीबाज़ार विस्तार कार्य की प्रगति के दम पर इसे पार भी कर सकता है।