छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” ने “टी संवर्ग” प्राचार्य पदस्थापना आदेश 27 अगस्त 2025 के पूर्व जारी करने शासन से की मांग- सतीश प्रकाश सिंह, प्रदेश संयोजक

Chhattisgarh State Principal Promotion Struggle Front” demanded from the government to issue “T Cadre” Principal posting order before 27 August 2025- Satish Prakash Singh, State Convenor

रायपुर/ “छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” तथा “छत्तीसगढ़ प्रगतिशील एवं नवाचारी शिक्षक महासंघ” (Chhattisgarh Progressive And Innovative Teachers Federation – CGPITF)  के प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा मंत्री, सचिव स्कूल शिक्षा विभाग तथा संचालक लोक शिक्षण संचालनालय छत्तीसगढ़ से “टी संवर्ग” प्राचार्य पदस्थापना आदेश 27 अगस्त 2025 से पूर्व जारी करने की मांग की हैं।
प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने शासन से मांग कर कहा हैं कि, लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा शासकीय शिक्षा महाविद्यालय रायपुर में दिनांक 20 अगस्त से 23 अगस्त तक चार दिवसीय “टी संवर्ग” प्राचार्य पदोन्नति की काउंसलिंग पूर्ण की जा चुकी हैं। अत: अब बिना विलम्ब किये तत्काल “टी संवर्ग” प्राचार्य पदस्थापना आदेश जारी कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने शासन से मांग कर कहा हैं कि “टी संवर्ग” के पदोन्नत प्राचार्यगणों के द्वारा काउंसलिंग में अपना स्थान चयन किये जाने के बाद बाकी बचे हुए सभी रिक्त स्थानों में प्राचार्य पदोन्नति कर पदस्थापना आदेश जारी किये जाने के लिए तत्काल कार्यवाही की जावे।

“छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा”  तथा “छत्तीसगढ़ प्रगतिशील एवं नवाचारी शिक्षक महासंघ (CGPITF) के प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने शासन से मांग की हैं कि “टी संवर्ग” प्राचार्य पदोन्नति का पदस्थापना आदेश 27 अगस्त 2025 के पूर्व अनिवार्य रूप से जारी किया जावे, ताकि अगस्त माह के 31 तारीख को रिटायर्ड होने वाले वरिष्ठ पदोन्नत प्राचार्य अपने पदस्थापना वाले संस्थाओं में प्राचार्य के पद पर कार्यभार ग्रहण करके सेवानिवृत हो सकेंगे। इससे 31 अगस्त 2025 को रिटायर्ड हो रहे वरिष्ठ पदोन्नत प्राचार्यों को अपने अंतिम सेवाकाल में प्राचार्य बन कर रिटायर्ड होने का लाभ मिल सकेगा।

“छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” तथा “छत्तीसगढ़ प्रगतिशील एवं नवाचारी शिक्षक महासंघ (CGPITF) ने शासन से प्राचार्य पदोन्नति से वंचित हुए वरिष्ठ नियमित व्याख्याता एवं नियमित प्रधान पाठकों की प्राचार्य पदोन्नति किये जाने के लिए शीघ्र कार्यवाही करने की मांग की हैं। उन्होंने शासन से प्रदेश में “टी एवं ई” दोनों संवर्गों में प्राचार्य के रिक्त समस्त पदों पर पात्रता रखने वाले नियमित व्याख्याता एवं नियमित प्रधान पाठकों की प्राचार्य पद पर पदोन्नति सहित अन्य सभी पदों- उप संचालक/ जिला शिक्षा अधिकारी, विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी / सहायक संचालक, व्याख्याता, प्रधान पाठक माध्यमिक शाला, उच्च वर्ग शिक्षक, व्यायाम शिक्षक, प्रधान पाठक प्राथमिक शाला आदि सभी पदों पर रिक्त पदों की उपलब्धता अनुसार प्रत्येक वर्ष नियमित रूप से पदोन्नति किये जाने के लिए एक सुनियोजित ढंग से प्रभावी व्यवस्था बनाये जाने की माँग की हैं। जिससे प्रदेश में प्राचार्य/व्याख्याता/ प्रधान पाठक माध्यमिक शाला/ उच्च वर्ग शिक्षक /व्यायाम शिक्षक /प्रधान पाठक प्राथमिक शाला आदि सभी पदों पर प्रत्येक वर्ष नियमित रूप से पदोन्नति संभव होगी।
सतीश प्रकाश सिंह ने समस्त विभागीय अधिकारी – कर्मचारियों, शिक्षक संवर्गों की कार्यक्षमता और मनोबल बढ़ाने के लिए तथा विभाग और संस्थाओं में प्रभारवाद से मुक्ति के लिए निश्चित अंतराल में पदोन्नति किया जाना आवश्यक बताया हैं।
“छत्तीसगढ़ राज्य सर्व शासकीय सेवक अधिकारी-कर्मचारी पदोन्नति संघर्ष मोर्चा”, “छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” तथा छत्तीसगढ़ प्रगतिशील एवं नवाचारी शिक्षक महासंघ” (CGPITF) का प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही राज्य सरकार से सभी कैडर में प्रत्येक वर्ष रिक्त पद की उपलब्धता अनुसार पात्रता रखने वाले सभी अधिकारी /कर्मचारियों/शिक्षकों की उनके सेवाकाल में चार स्तरीय पदोन्नति दिए जाने के लिए माननीय मुख्यमंत्री महोदय और माननीय स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय तथा विभागीय उच्च अधिकारियों से मुलाक़ात की जाएंगी।

प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने विश्वास जताया हैं कि शासन द्वारा सभी कैडर के अधिकारी-कर्मचारियों, शिक्षक संवर्गों के सेवाकाल में निश्चित अंतराल में चार स्तरीय पदोन्नति किये जाने से उनके कार्यक्षमता और मनोबल में वृद्धि होगी। सभी कैडर में नियमित पदोन्नति होने से विभाग और संस्थाओं में प्रभारवाद से मुक्ति मिलेगी। साथ ही प्रदेश के समस्त विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ होगी, विद्यालयों में बेहतर शैक्षणिक वातावरण का निर्माण होगा, विभिन्न शिक्षक संवर्गों के बीच समानता और एकजुटता का भाव उत्पन्न होगा तथा प्रदेश में शिक्षा गुणवत्ता में वृद्धि के साथ शिक्षा का स्तर और ऊँचा हो सकेगा।