छत्तीसगढ़ में पारासिटामोल जैसी टेबलेट पर अमानक, CGMSC ने वितरण और उपयोग पर लगायी रोक,

En Chhattisgarh, las pastillas como el paracetamol no son habituales y la CGMSC ha prohibido su distribución y uso.

रायपुर 22 अगस्त 2025। दवा सिर्फ इलाज का साधन नहीं, बल्कि भरोसे की डोर होती है। लेकिन छत्तीसगढ़ में यही डोर लगातार टूटती नजर आ रही है। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (CGMSC) ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई करते हुए कई दवाओं को अमानक घोषित किया और उनके उपयोग व वितरण पर तत्काल रोक लगा दी।

21 अगस्त को जारी आदेश में जिन दवाओं की सप्लाई और वितरण पर रोक लगाई गई है, उनमें शामिल हैं –

  • पैरासिटामॉल 650mg टैबलेट (ड्रग कोड: SP19448), बैच नंबर RT24045
    निर्माता: M/s 9M India Limited
  • पैरासिटामॉल 500mg टैबलेट आईपी (ड्रग कोड: D395), बैच नंबर RT23547 और RT24032
    निर्माता: M/s 9M India Limited
  • एसिक्लोफेनाक 100mg + पैरासिटामॉल 325mg टैबलेट (ड्रग कोड: SP19588), बैच नंबर APC-508
    निर्माता: M/s Healers Lab

इसी के साथ फेनीटोइन सोडियम इंजेक्शन (मिर्गी और सिर की चोट के मरीजों में इस्तेमाल) और सेफोटैक्सिम इंजेक्शन (एंटीबायोटिक) को भी मरीजों की तबीयत बिगाड़ने की शिकायतों के बाद रोक दिया गया है।

जांच में निकली खामियां

  • मई 2025 में जांचे गए 34 दवा सैंपल में 3 दवाएं फेल निकलीं।
  • जुलाई से सितंबर 2025 के बीच 7 दवाएं अमानक घोषित हुईं।
  • पिछले ढाई साल में अब तक 2 नकली और 80 अमानक दवाएं बाजार में पकड़ी गईं।
  • इन दवाओं की सप्लाई हिमाचल, पंजाब, गुजरात और असम से हुई थी।

बड़ी आशंका

सूत्रों का कहना है कि अधिकांश दवाओं का निर्माण 2023-24 में हुआ और उनकी एक्सपायरी डेट अब नजदीक है। आशंका है कि रिपोर्ट को दबाकर पहले बड़ी मात्रा में दवाएं मरीजों तक पहुंचाई गईं, ताकि निर्माता कंपनियों पर रिटर्न और जुर्माने का बोझ न आए।स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि दवा स्टॉक और सप्लाई की मॉनिटरिंग बेहद जरूरी है। अगर सप्लाई के तुरंत बाद टैबलेट का रंग बदलने लगे, तो यह साफ संकेत है कि घटिया दवा जानबूझकर बाजार में उतारी गई है।

CGMSC के अध्यक्ष दीपक म्हस्के ने कहा कि अमानक दवाओं पर लगातार सख्ती बरती जा रही है। वहीं, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने भी आश्वासन दिया कि दोषी कंपनियों और सप्लायर्स पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।