केंद्र सरकार की नीतियों से सशक्त हुआ भारत का व्यापारी- अशोक मोदी

Empresarios indios empoderados por políticas del gobierno central - Ashok Modi

कोरबा/भारतीय उद्योग व्यापार मंडल ने आज अपना 44वाँ स्थापना दिवस “राष्ट्रीय व्यापारी दिवस” के रूप में रंग भवन, आकाशवाणी ऑडिटोरियम, संसद मार्ग, नई दिल्ली में धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर देशभर के 28 राज्यों से आए हजारों व्यापारियों ने भाग लिया, जिसने कार्यक्रम को एक राष्ट्रीय स्वरूप प्रदान किया।

इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रदेशाध्यक्ष अशोक मोदी (कोरबा) और कार्यकारी अध्यक्ष सुधीर कुमार बंसल (दुर्ग) विशेष रूप से उपस्थित थे। अपने संबोधन में अशोक मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार की दूरदर्शी नीतियों ने भारतीय व्यापार को नई दिशा और मजबूती दी है। उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि वे व्यापारियों को बेवजह परेशान न करें, बल्कि उनकी समस्याओं को समझें। उन्होंने कहा कि यदि व्यापारियों को सम्मान और सहयोग मिलेगा, तो वे निश्चित रूप से देश के राजस्व और अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में सहयोग करेंगे।
केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों की उपस्थिति
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल थे, जिन्होंने व्यापारियों को देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताया। उन्होंने कहा कि सरकार व्यापारियों के साथ खड़ी है और उन्हें हर संभव सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है। विशिष्ट अतिथि के रूप में सुनील सिंघवी (अध्यक्ष, व्यापारी कल्याण बोर्ड), केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा, और दुर्ग के सांसद विजय बघेल ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
सुनील सिंघवी ने व्यापारियों को भारत को विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में सहयोग करने की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि भारत आज जो 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, इसका श्रेय मेहनती और ईमानदार व्यापारियों को जाता है। सांसद विजय बघेल ने छत्तीसगढ़ में निवेश का आह्वान करते हुए कहा कि यह प्रदेश व्यापारियों के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक है।
राष्ट्रीय संकल्प: “भारत को 44वीं अर्थव्यवस्था बनाने का संकल्प”
भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता ने संगठन की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि संगठन हमेशा व्यापारी हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। महामंत्री मुकुंद मिश्रा ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया।
रंग भवन में उपस्थित सभी व्यापारियों ने यह संकल्प लिया कि वे सरकार के साथ मिलकर भारत को विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाएंगे। यह आयोजन सिर्फ एक समारोह नहीं, बल्कि देश की आर्थिक प्रगति को गति देने का एक राष्ट्रीय संकल्प बन गया है।