सरस्वती शिशु मंदिर प्रगतिनगर के बच्चों ने लिया पौधरोपण का संकल्प

Los niños de Saraswati Shishu Mandir Pragati Nagar se comprometieron a plantar árboles.

कोरबा/पर्यावरण संरक्षण की अलख जगाते हुए मारवाड़ी युवा मंच दर्री, जमनीपाली एवं जैलगाँव शाखा के संयुक्त तत्वावधान में सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, प्रगतिनगर, कोरबा में विद्यार्थियों के बीच निबंध लेखन, पोस्टर एवं भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
इस आयोजन का उद्देश्य बच्चों में पर्यावरण के प्रति चेतना जागृत करना और उन्हें प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी का भाव देना रहा।इस अवसर पर मंच की ओर से अखिल भारतीय मारवाड़ी युवा मंच के राष्ट्रीय संयोजक एवं छत्तीसगढ़ प्रांतीय निवर्तमान अध्यक्ष श्री मनीष अग्रवाल, प्रांतीय संयोजक श्री विकास अग्रवाल, प्रांतीय चेयरमैन श्री अंजय अग्रवाल,


सह संयोजक श्री अरुण केडिया, दर्री-जमनीपाली शाखा अध्यक्ष श्री प्रतीक अग्रवाल,पूर्व सचिव श्री अक्षत अग्रवाल, सदस्यगण श्री सुमित अग्रवाल व श्री आकाश अग्रवाल एवं विद्यालय के प्राचार्य श्री लक्ष्मी नारायण जायसवाल अपने समस्त स्टाफ सहित उपस्थित रहे
प्रतियोगिता में विजयी प्रतिभागियों को मंच पदाधिकारियों द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया, जिससे बच्चे काफी उत्साहित हुए। मनीष अग्रवाल ने कहा
बच्चे देश का भविष्य हैं। जब ये प्रकृति से जुड़ेंगे, तभी हरित और सुरक्षित भविष्य की नींव मजबूत होगी। यह संकल्प एक आंदोलन की शुरुआत है।सभी को प्रत्येक वर्ष दो पौधे अवश्य लगाने चाहिए और उसकी समुचित देखभाल का संकल्प लेना चाहिए। प्रतीक अग्रवाल ने कहा पेड़ लगाना ही पर्याप्त नहीं, उनका पालन-पोषण करना भी उतना ही जरूरी है। हर बच्चा यदि दस पेड़ का पालन करे, तो समाज को हराभरा बनाना आसान होगा।प्राचार्य श्री लक्ष्मी नारायण जायसवाल ने कहा:
विद्यालय न केवल शिक्षा का मंदिर है, बल्कि संस्कारों की पाठशाला भी है। इस आयोजन से बच्चों को प्रकृति के प्रति जिम्मेदार नागरिक बनने की प्रेरणा मिली है।मारवाड़ी युवा मंच का प्रयास काफी सराहनीय है।मारवाड़ी युवा मंच द्वारा प्राचार्य श्री लक्ष्मी नारायण जायसवाल,आचार्य दुर्गा प्रसाद नामदेव,आचार्य अशोक कुमार चंद्रवंशी का भी सम्मान किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन आचार्य श्री दुर्गा प्रसाद नामदेव द्वारा किया गया।समापन अवसर पर सभी उपस्थितजनों ने यह संकल्प लिया कि –
अपने जीवनकाल में कम से कम दस पौधे लगाएंगे और उन्हें वृक्ष बनने तक संजोएंगे।