पहुंचविहीन गांवों में बदहाल स्वास्थ्य सुविधा, मरीज को खाट पर अस्पताल पहुंचाने की मजबूरी

Las instalaciones sanitarias son deficientes en pueblos inaccesibles y los pacientes se ven obligados a ser trasladados al hospital en una camilla.

कोरबा,10 जुलाई 2025। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के पहुंचविहीन गांवों में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव आज भी एक गंभीर चुनौती बना हुआ है। इन दुर्गम क्षेत्रों में मरीजों को न तो समय पर एंबुलेंस मिल पाती है और न ही समुचित उपचार की सुविधा। कई बार तो परिजनों के बार-बार फोन करने के बावजूद भी एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंचती, जिससे मरीजों की जान पर बन आती है।

0.खाट पर 7 किलोमीटर का सफर: स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलती घटना

ताजा मामला पाली विकासखंड के बारीउमराव पंचायत के गांव जलहल का है, जो ब्लॉक मुख्यालय से लगभग 37 किलोमीटर दूर है। बीते रविवार को जलहल निवासी 37 वर्षीय करसीला एक्का मौसमी बुखार की चपेट में आ गईं और तेज बुखार से तप रही थीं। उनकी बिगड़ती तबीयत देख पति रामधन एक्का ने एंबुलेंस (108 संजीवनी एक्सप्रेस) को कॉल किया।लेकिन, एंबुलेंस नहीं पहुंची। इस दौरान तेज बारिश भी हो रही थी। परिजनों के पास कोई और विकल्प न देख, वे आनन-फानन में करसीला को खाट के सहारे लीमगांव तक ले जाने लगे। बारिश से बचाने के लिए उन्होंने खाट को तिरपाल से ढका और मरीज को छाता भी ओढ़ाया। सड़कविहीन गांव से लीमगांव मुख्य मार्ग तक लगभग सात किलोमीटर का यह पैदल सफर उन्होंने बरसते पानी में तय किया। लीमगांव मुख्य मार्ग से उन्हें एक निजी वाहन मिला, जिसकी मदद से करसीला को पाली मुख्यालय के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिलहाल महिला की तबीयत सामान्य है, लेकिन इस दौरान परिजनों को अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ा।

वर्षों से सड़क की मांग, प्रशासन मौन

ग्राम जलहल से लीमगांव तक सड़क निर्माण की मांग ग्रामीण लंबे समय से कर रहे हैं। गांव से मुख्य मार्ग की दूरी सिर्फ सात किलोमीटर है, लेकिन जिला प्रशासन द्वारा सड़क निर्माण को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने ब्लॉक मुख्यालय से लेकर जिला प्रशासन तक कई बार शिकायतें की हैं, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा है। इस उपेक्षा के कारण ग्रामीणों को आए दिन ऐसी विकट परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है।