पाकिस्तान ने दागे थे स्वर्ण मंदिर को निशाना बनाने के लिए मिसाइलें और ड्रोन; आकाश मिसाइल ने किया ध्वस्त; सेना ने जारी किया वीडियो

Pakistan had fired missiles and drones to target the Golden Temple; Akash missile destroyed it; Army released video

अमृतसर,19 मई 2025। पाकिस्तान ने अमृतसर में स्वर्ण मंदिर को भी निशाना बनाने के लिए मिसाइलें और ड्रोन दागे थे। इसे भारतीय रक्षा प्रणालियों ने ध्वस्त कर दिया था। इसे लेकर सेना ने एक डेमो भी जारी किया। इसके अलावा सेना के पश्चिमी मोर्चे ने एक नया वीडियो भी जारी किया। वीडियो में सेना ने पंजाब में मार गिराए गए पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइल के मलबे भी दिखाए।

सेना के डेमो में क्या?
भारतीय सेना ने सोमवार को एक डेमो दिखाया। इसमें बताया गया कि कैसे आकाश मिसाइल प्रणाली सहित भारतीय वायु रक्षा प्रणालियों ने अमृतसर में स्वर्ण मंदिर और पंजाब के शहरों को पाकिस्तानी मिसाइल और ड्रोन हमलों से बचाया। 15 इन्फैंट्री डिवीजन के GOC मेजर जनरल कार्तिक सी शेषाद्री ने कहा, ‘… सारी दुनिया जानती है कि पाकिस्तानी सेना ने सुनियोजित तरीके से 22 अप्रैल को पहलगाम में अपने आतंकियों द्वारा देश और विदेश के निहत्थे पर्यटकों पर हमला करवाया था। इसके बाद पूरे देश के आक्रोश ने भारत के प्रबल नेतृत्व के अधीन ऑपरेशन सिंदूर का रूप लिया। हमने केवल आतंकी ठिकानों का नाश किया था और इसके अतिरिक्त किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया।’

‘अमृतसर में स्थित स्वर्ण मंदिर सबसे अहम था’
उन्होंने कहा कि 7 मई की रात को हमें पुख्ता जानकारी मिली थी कि पाकिस्तान किसी उचित और सटीक टार्गेट न होने के कारण सिविल ठिकानों, खासतौर पर धार्मिक स्थलों को निशाना बनाएगा। इसमें अमृतसर में स्थित स्वर्ण मंदिर सबसे अहम था। हमें अतिरिक्त जानकारी यह भी मिली कि वे (पाकिस्तान) स्वर्ण मंदिर पर भारी तादाद में ड्रोन और मिसाइल से हमला करेंगे, इसलिए हमने तुरंत आधुनिक अतिरिक्त एवं उपयुक्त एयर डिफेंस उपलब्ध कराया था। हमने स्वर्ण मंदिर पर एक आंच भी नहीं आने दी।’

पाकिस्तान की ओर से भेजी गई मिसाइलों का मलबा

‘पाकिस्तान ने फिर से आतंकवादियों का सहारा लिया तो उसका अवश्य ही विनाश होगा’
15 इन्फैंट्री डिवीजन के GOC मेजर जनरल कार्तिक सी शेषाद्रि ने कहा, ‘यदि पाकिस्तान ने फिर से आतंकवादियों का सहारा लिया तो उसका अवश्य ही विनाश होगा। याद रहे कि ऑपरेशन सिंदूर केवल स्थगित किया गया है, खत्म नहीं हुआ है। उसका विकराल रूप अभी बाकी है। भारतीय सेना ने केवल आतंकवाद और आतंकी ठिकानों को बिना किसी अतिरिक्त नुकसान के निशाना बनाया और सटीक तरीके से हमले किए। इसके उलट पाकिस्तानी सेना ने जानकर भारतीय सैन्य ठिकानों और सिविल इलाकों को निशाना बनाया। पाकिस्तानी आर्मी के लिए सभी टार्गेट जायज हैं, मगर भारतीय सेना उनके नापाक मंसूबों को कभी सफल नहीं होने देगी।

L-70 एयर डिफेंस गन

‘इस वक्त हम ऑपरेशन सिंदूर का हिस्सा’
भारतीय सेना के एक जवान ने कहा, ‘इस वक्त हम ऑपरेशन सिंदूर का हिस्सा हैं। 8-9 मई की रात को दुश्मन ने अचानक हम पर फायरिंग की और घुसपैठ की कोशिश की। हमने दुश्मन पर अचूक फायरिंग की और उसकी घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया। हमारी फायरिंग का नतीजा ये हुआ कि सुबह तक दुश्मन अपने घुटनों पर आ गए और अपनी पोस्ट पर सफेद झंडा लहरा दिया। हम अपने देशवासियों को यह भरोसा दिलाते हैं कि जब तक देश की सीमाओं पर भारतीय सेना तैनात है, तब तक कोई भी इस देश की तरफ आंख उठाकर नहीं देख सकता।’

‘आकाश’ को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने तैयार किया। डीआरडीओ की ओर से विकसित ‘आकाश’ एक मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल रक्षा प्रणाली है। इसे डीआरडीओ और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड की ओर से निर्मित मिसाइलों द्वारा विकसित किया गया है।

18,000 मीटर की ऊंचाई, 45 KM दूरी तक निशाना
‘आकाश’ बैटरी मिसाइल प्रणाली 18,000 मीटर की ऊंचाई पर 45 किलोमीटर दूर तक के विमानों को निशाना बना सकती है। इसमें लड़ाकू जेट, क्रूज मिसाइल और हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों के साथ-साथ बैलिस्टिक मिसाइलों जैसे हवाई लक्ष्यों को बेअसर करने की क्षमता है।

कहीं भी जा सकता है आकाश
‘आकाश’ की सबसे बड़ी खासियत यह भी है कि यह कहीं भी ले जाया जा सकता है। इसे LoC या अन्य सीमा पर ट्रक या टैंक जैसे वाहनों के जरिए लेकर जाया जा सकता है। इसका एडवांस वर्जन आकाश-NG 70 से 80 किमी तक मार कर सकता है। इसकी रफ्तार लगभग 2,500 किमी/घंटा है। यह 150 किमी दूर तक 64 लक्ष्यों को देख सकता है। यह एक साथ 12 मिसाइलों को दाग सकता है। मिसाइल में स्मार्ट गाइडेंस सिस्टम है, जिससे आखिरी पल में भी लक्ष्य को लॉक करने में मदद मिलती है।

एक बैटरी 64 लक्ष्यों को ट्रैक, 12 पर कर सकती है हमला
‘आकाश’ में एक राजेंद्र 3डी पैसिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे रडार और चार लॉन्चर होते हैं। इनमें से प्रत्येक में तीन मिसाइलें होती हैं। यह सभी आपस में जुड़ी होती हैं। प्रत्येक बैटरी 64 लक्ष्यों को ट्रैक कर सकती है और उनमें से 12 पर हमला कर सकती है।

आकाश की खासियत
वॉर हेड: 60 किलोग्राम प्री-फ्रैगमेंटेड हाई एक्सप्लोसिव वॉर हेड
प्रणोदन: सॉलिड बूस्टर और इंटीग्रल रॉकेट या रैमजेट सस्टेनर मोटर
ऑपरेशनल रेंज: 45 किमी
अधिकतम गति: मैक 2.5
गाइडेंस सिस्टम मिड कोर्स: डेटालिंक के साथ कमांड मार्गदर्शन
टर्मिनल: सक्रिय रडार होमिंग
लॉन्च प्लेटफॉर्म: T-72 या BMP-2 चेसिस या हैवी मोबिलिटी ट्रक