मुंगेली 17 अप्रैल 2025। कोयला व्यवसाय से जुड़े एक बड़े घोटाले ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। 33 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से मानसिक रूप से टूटे एक कोयला व्यापारी नरेंद्र कौशिक ने आत्महत्या कर ली। सुसाइड नोट में व्यापारिक साझेदारों पर आरोप लगाते हुए आत्महत्या के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया गया है। पुलिस ने मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
घटना का पूरा ब्यौरा
मुंगेली के पास सरगांव क्षेत्र के खपरी रोड स्थित “अमिषा ट्रेडर्स” कोल डिपो में यह मामला सामने आया है। कोयला व्यापारी नरेंद्र कुमार कौशिक (30), निवासी तिफरा आर्य कालोनी, अपने चार व्यापारिक साझेदारों के साथ कोयला व्यापार में संलग्न थे। साजिश के तहत इन साझेदारों ने डिपो में रखे कोयले और मशीनों को बेचकर पैसा हड़प लिया, जिससे नरेंद्र को लगभग 33 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
26 नवंबर 2024 को नरेंद्र ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। मरने से पहले उसने परिजनों को मैसेज भेजकर सूचना दी और एक सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें उसने साफ लिखा कि आर्थिक धोखाधड़ी और विश्वासघात के कारण वह यह कदम उठा रहा है।
जांच और गिरफ्तारी
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी भोजराम पटेल के निर्देशन में विशेष जांच टीम गठित की गई। जांच में यह बात सामने आई कि आरोपी साझेदारों ने कारोबारी की अनुमति के बिना डिपो की मशीनें और कोयला बेच दिया और रकम गबन कर ली।
पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उनके कब्जे से दो लोडर मशीन, व्यापारिक दस्तावेज, तथा लेन-देन का रिकॉर्ड जब्त किया है। साथ ही, सभी आरोपियों के बैंक खातों को सीज कर दिया गया है।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान:
- राजेश कोटवानी पिता टहल (48) – ओम गार्डन, नेहरू नगर, बिलासपुर
- देवेंद्र सिंह उपवेजा पिता महेंद्र सिंह (54) – वार्ड 19, जुनी लाइन, बिलासपुर
- सूरज प्रधान पिता शंभूनाथ (34) – वार्ड 5, दुर्गानगर, लिगियाडीह, बिलासपुर
- संजय भट्ट पिता हरीशंकर (53) – अंधियारीपाठ, थाना अकलतरा, जांजगीर
आगे की कार्रवाई
चारों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस इस पूरे घोटाले में और लोगों की संलिप्तता की भी जांच कर रही है। नरेंद्र की आत्महत्या ने व्यापारिक दुनिया में सनसनी फैला दी है और लोगों के बीच अविश्वास का माहौल बना दिया है।