छत्तीसगढ़ में ट्रिपल तलाक का मामला सामने आया है। इस मामले में पुलिस ने महिला की शिकायत पर मामला दर्ज किया है। पूरा मामला दुर्ग जिले का है, जहां तीन तलाक का अब तक का ये पहला मामला सामने आया है। आरोप है कि मुस्लिम महिला को उसके पति ने दहेज की मांग पूरी न होने पर तीन तलाक देकर छोड़ दिया।
यह घटना पद्मनापुर थाना क्षेत्र की है। पुलिस ने आरोपी मोहम्मद रईस खोखर के खिलाफ तीन तलाक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। दुर्ग एसपी जितेंद्र शुक्ला ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि यह जिले में इस कानून के तहत पहला केस दर्ज हुआ है।
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में तीन तलाक का पहला मामला सामने आने के बाद सनसनी फैल गई है। यह मामला जिले के पद्मनापुर थाना क्षेत्र से जुड़ा है, जहां एक मुस्लिम महिला ने अपने पति पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने और अंततः तीन तलाक देकर विवाह समाप्त करने का आरोप लगाया है।
पीड़िता की शिकायत के अनुसार, उसके पति मोहम्मद रईस खोखर ने लंबे समय से उस पर दहेज लाने का दबाव बना रखा था। बार-बार की प्रताड़ना से तंग आकर जब महिला ने दहेज लाने से साफ इनकार कर दिया, तो आरोपी ने उसे तीन बार “तलाक” बोलकर रिश्ता तोड़ दिया।
पीड़िता ने थाने में पहुंचकर पूरा मामला पुलिस को बताया, जिसके बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्परता से जांच शुरू की। दुर्ग के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला ने बताया कि यह तीन तलाक अधिनियम के तहत दुर्ग जिले का पहला मामला है। जांच के दौरान प्राप्त तथ्यों और महिला के बयान के आधार पर आरोपी पति के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है।
पुलिस फिलहाल आरोपी मोहम्मद रईस की तलाश कर रही है और उसके ठिकानों पर लगातार दबिश दी जा रही है। इस पूरे मामले को लेकर पुलिस विभाग ने गंभीरता से कार्रवाई करते हुए सुनिश्चित किया है कि महिला को पूरी कानूनी सहायता मिले।
तीन तलाक अधिनियम क्या है?
भारत सरकार द्वारा 2019 में पारित किए गए ‘मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम’ के तहत तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) देना एक अपराध घोषित किया गया है। इस कानून के तहत ऐसा करने पर तीन साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है।