नाबालिग बेटी ने माता-पिता को दी मुखाग्नि, बोली-कसम खाती हूं न्याय के लिए लडूंगी

Minor daughter cremated her parents, said- I swear I will fight for justice

जमशेदपुर,17 फ़रवरी 2025/ शनिवार रात 8.30 बजे नो एंट्री में घुसे हाइवा की चपेट में आने से मृत देवाशीष चौधरी (62) और उनकी पत्नी नुपूर चौधरी (56) का अंतिम संस्कार रविवार देर रात हुआ। अनाथ हो चुकी नाबालिग बेटी त्रिषाणी चौधरी (17) ने बिष्टुपुर पार्वती घाट पर माता-पिता को मुखाग्नि दी।

इससे पहले त्रिषाणी दोनों के शव के पैर के पास बैठ गई। वह बार-बार कहती रही- मैं माता-पिता के पैर छूकर कमस खाती हूं कि न्याय के लिए मरते दम तक लडूंगी, ताकि मेरी तरह कोई दूसरा अनाथ न हो।

इकलौते भाई की हो चुकी है मौत

परसुडीह प्रमथनगर क्लब रोड निवासी त्रिषाणी के लिए यह पहला सड़क हादसा नहीं था। 11 साल पहले उसके इकलौते भाई ऋषि की भी एग्रिको सिग्नल के पास कार दुर्घटना में मौत हो गई थी, जिसमें उनकी बेटी निशा भी घायल हुई थी।

फूफा के साथ रहेगी त्रिषाणी चौधरी
परिवार वालों के मुताबिक, त्रिषाणी चौधरी अगले तीन दिनों तक घर पर रहकर विधि विधान को पूरा करेगी। फिर वह आगे कहां रहेगी, इसका निर्णय उसके फुआ व परिवार के अन्य लोग लेंगे।

वहीं, घटना को लेकर बागबेड़ा थाना में त्रिषाणी चौधरी के बयान पर हाइवा चालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। घटना के बाद गाड़ी मालिक ने 10 लाख रुपए मुआवजा पर समझौता किया। दो लाख रुपए नकद दिया गया।

कैसे हुआ हादसा
परसुडीह प्रमथनगर क्लब रोड निवासी टाटा स्टील के रिटायर्ड कर्मी देवाशीष चौधरी और उनकी पत्नी नुपूर शनिवार देर शाम बाइक से घर लौट रहे थे। रात करीब 8 बजे रेलवे स्टेशन रोड पर भाजपा कार्यालय के पास हाइवा की चपेट में आने से दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। परिवार में अब दंपती की नाबालिग बेटी त्रिषाणी चौधरी अकेली रह गई है।