छत्तीसगढ़ : ग्राम पंचायत कोट में चुनाव बहिष्कार: किसी ने नहीं भरा नामांकन

Chhattisgarh: Election boycott in Kot Gram Panchayat: Nobody filed nomination

कसडोल, 04 फरवरी 2025। बलौदाबाजार जिले में कसडोल जनपद क्षेत्र के ग्राम पंचायत कोट के निवासियों ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का पूर्ण बहिष्कार किया है। यहां किसी भी पद के लिए एक भी नामांकन दाखिल नहीं किया गया। ग्रामीणों का कहना है कि वे पिछले तीन वर्षों से आशू क्रेशर खदान को बंद कराने की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन की उदासीनता के चलते अब उन्होंने चुनाव से दूरी बनाने का निर्णय लिया है।

खदान बंद कराने की मांग पर अडिग ग्रामीण
ग्राम कोट के लोग लंबे समय से इस खदान को बंद कराने के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन शासन-प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। खदान के चलते गांव में जल संकट गहरा गया है, सैकड़ों हेक्टेयर भूमि बंजर हो चुकी है, और धूल-प्रदूषण से लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है।

एक सप्ताह पूर्व ग्रामीणों ने पंचायत चुनाव के बहिष्कार की घोषणा की थी, जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें मनाने का प्रयास किया, लेकिन वे असफल रहे। नाराज ग्रामीणों ने पंचायत, सरपंच, जनपद सदस्य और जिला पंचायत के किसी भी पद के लिए नामांकन नहीं भरा है।

जल संकट और बंजर होती जमीन से बढ़ी परेशानी
खदान की अत्यधिक गहराई के कारण जलस्तर काफी नीचे चला गया है, जिससे पीने और सिंचाई के लिए पानी मिलना मुश्किल हो गया है। इसके अलावा, खदान से निकलने वाली धूल ने आसपास के गांवों—छाछी, छरछेद और देवरिकला—की उपजाऊ भूमि को भी बंजर बना दिया है।

भारी ब्लास्टिंग से घरों को खतरा
ग्रामीणों के अनुसार, खदान में होने वाली भारी ब्लास्टिंग से उनके मकानों को भी खतरा बना हुआ है। कंपन के कारण घरों में दरारें आ रही हैं, जिससे लोग भयभीत हैं। इसके बावजूद प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

प्रशासन की नाकामी, नामांकन शून्य
तहसीलदार विवेक पटेल ने पुष्टि की कि ग्राम कोट से किसी भी व्यक्ति ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए नामांकन दाखिल नहीं किया है। अब सवाल यह उठता है कि प्रशासन इस विरोध को कैसे हल करेगा और क्या ग्रामीणों को मतदान के लिए राजी कर पाएगा?