भाजपा ने चायवाले के बाद अब गुपचुप वाली को टिकट दिया है। दरअसल अकलतरा के वार्ड नंबर 11 से भाजपा ने एक गुपचुप बेचने वाली महिला संतोषी कैवर्त्य को अपना प्रत्याशी बनाया है। चाय वाले महापौर के बाद अब गुपचुप बेचने वाली संतोषी कैवर्त्य को भाजपा ने पार्षद प्रत्याशी बनाया है।
गुपचुप वाली को दिया टिकट
आपको बता दे की प्रत्याशी चयन में भाजपा अलग-अलग मापदंड से प्रत्याशियों का चयन करती है। वो साधारण कार्यकर्ता को भी टिकट देकर यह संदेश देने की कोशिश करती है, कि पार्टी की नजर में आम कार्यकर्ता भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना की शीर्ष नेता। लिहाजा भाजपा ने इस बार नगरीय निकाय चुनाव में रायगढ़ से महापौर प्रत्याशी के लिए यहां एक चाय वाले को टिकट दिया, तो वही जांजगीर में पार्षद के लिए एक गुपचुप वाली को मौका देकर एक बड़ा संदेश दिया है।
रायगढ़ में चाय बेचने वाले जीववर्धन चौहान को रायगढ़ नगर निगम चुनाव में मेयर सीट के लिए बीजेपी उम्मीदवार घोषित किया है। जीववर्धन चौहान को कार्यकर्ताओं ने मिठाई खिलाई और बधाई दी। रायगढ़ नगर निगम में महापौर पद के लिए मैदान में उतरे जीववर्धन चौहान राज्य बीजेपी की अनुसूचित जाति इकाई के सचिव हैं। वे रायगढ़ में चाय और पान की दुकान चलाते हैं।बीजेपी के मेयर प्रत्याशी जीव वर्धन चौहान की रेलवे काॅलोनी के पास सोनकर पारा में रहते हैं। जीव वर्धन चौहान विश्वासगढ़ चर्च के पास ओवरब्रिज के ठीक नीचे दुकान लगाते हैं। उन्हें दुकान चलाते करीब 27 साल हो चुके हैं। जीव वर्धन की जिंदगी में रविवार को एक नया मोड़ आया, जब भाजपा ने उन्हें महापौर पद के लिए प्रत्याशी चुना।
इस पद के लिए दावेदारों की लंबी लिस्ट थी, लेकिन अचानक जीव वर्धन चौहान का नाम सामने आने से अब उनकी दिनचर्या ही बदल चुकी है। सुबह उठने के बाद चाय की दुकान नहीं बल्कि आम जनता से मिलने का सिलसिला शुरू हो रहा है।
जीव वर्धन चौहान पत्नी और 4 बेटियों के साथ रहते हैं। उन्होंने बताया कि वे लंबे समय से पार्टी और संघ से जुड़े हुए हैं। चौहान का कहना है कि, उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा कुछ हो जाएगा। उन्हें महापौर चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा।
जीव वर्धन चौहान ने 1996 में भाजपा में सदस्यता ली थी। इसके बाद 1998 में पार्षद बने। साल 2004 में भाजयुमो नगर कार्यकारिणी में रहे। 2005 में भाजयुमो नगर मंत्री बने। भाजयुमो में ही नगर अध्यक्ष का भी पद संभाला है।
इसके अलावा साल 2010 में नगर निगम में एल्डरमैन बनाए गए थे। वर्तमान में जीव वर्धन चौहान प्रदेश मंत्री अजा मोर्चा, जिला भाजपा कार्यसमिति सदस्य, मोर्चा प्रभारी जिला जशपुर, 2023 से 2024 तक विधानसभा और लोकसभा में शक्ति केन्द्र प्रभारी हैं।
उनकी चाय की दुकान में ग्राहकों के अलावा वरिष्ठ नेता और अन्य कार्यकर्ता भी कभी-कभार आते रहते हैं। उन्होंने बताया कि महापौर पद के लिए उनका नाम सामने आने के बाद घर का माहौल पूरी तरह बदल चुका है और सभी काफी उत्साहित हैं।
: भाजपा ने चायवाले के बाद अब गुपचुप वाली को टिकट दिया है। दरअसल अकलतरा के वार्ड नंबर 11 से भाजपा ने एक गुपचुप बेचने वाली महिला संतोषी कैवर्त्य को अपना प्रत्याशी बनाया है। चाय वाले महापौर के बाद अब गुपचुप बेचने वाली संतोषी कैवर्त्य को भाजपा ने पार्षद प्रत्याशी बनाया है।
गुपचुप वाली को टिकट
आपको बता दे की प्रत्याशी चयन में भाजपा अलग-अलग मापदंड से प्रत्याशियों का चयन करती है। वो साधारण कार्यकर्ता को भी टिकट देकर यह संदेश देने की कोशिश करती है, कि पार्टी की नजर में आम कार्यकर्ता भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना की शीर्ष नेता। लिहाजा भाजपा ने इस बार नगरीय निकाय चुनाव में रायगढ़ से महापौर प्रत्याशी के लिए यहां एक चाय वाले को टिकट दिया, तो वही जांजगीर में पार्षद के लिए एक गुपचुप वाली को मौका देकर एक बड़ा संदेश दिया है।
महापौर के चायवाले को बनाया प्रत्याशी
रायगढ़ में चाय बेचने वाले जीववर्धन चौहान को रायगढ़ नगर निगम चुनाव में मेयर सीट के लिए बीजेपी उम्मीदवार घोषित किया है। जीववर्धन चौहान को कार्यकर्ताओं ने मिठाई खिलाई और बधाई दी। रायगढ़ नगर निगम में महापौर पद के लिए मैदान में उतरे जीववर्धन चौहान राज्य बीजेपी की अनुसूचित जाति इकाई के सचिव हैं। वे रायगढ़ में चाय और पान की दुकान चलाते हैं।बीजेपी के मेयर प्रत्याशी जीव वर्धन चौहान की रेलवे काॅलोनी के पास सोनकर पारा में रहते हैं। जीव वर्धन चौहान विश्वासगढ़ चर्च के पास ओवरब्रिज के ठीक नीचे दुकान लगाते हैं। उन्हें दुकान चलाते करीब 27 साल हो चुके हैं। जीव वर्धन की जिंदगी में रविवार को एक नया मोड़ आया, जब भाजपा ने उन्हें महापौर पद के लिए प्रत्याशी चुना।
इस पद के लिए दावेदारों की लंबी लिस्ट थी, लेकिन अचानक जीव वर्धन चौहान का नाम सामने आने से अब उनकी दिनचर्या ही बदल चुकी है। सुबह उठने के बाद चाय की दुकान नहीं बल्कि आम जनता से मिलने का सिलसिला शुरू हो रहा है।
गुपचुप वाली को टिकट
आपको बता दे की प्रत्याशी चयन में भाजपा अलग-अलग मापदंड से प्रत्याशियों का चयन करती है। वो साधारण कार्यकर्ता को भी टिकट देकर यह संदेश देने की कोशिश करती है, कि पार्टी की नजर में आम कार्यकर्ता भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना की शीर्ष नेता। लिहाजा भाजपा ने इस बार नगरीय निकाय चुनाव में रायगढ़ से महापौर प्रत्याशी के लिए यहां एक चाय वाले को टिकट दिया, तो वही जांजगीर में पार्षद के लिए एक गुपचुप वाली को मौका देकर एक बड़ा संदेश दिया है।
महापौर के चायवाले को बनाया प्रत्याशी
रायगढ़ में चाय बेचने वाले जीववर्धन चौहान को रायगढ़ नगर निगम चुनाव में मेयर सीट के लिए बीजेपी उम्मीदवार घोषित किया है। जीववर्धन चौहान को कार्यकर्ताओं ने मिठाई खिलाई और बधाई दी। रायगढ़ नगर निगम में महापौर पद के लिए मैदान में उतरे जीववर्धन चौहान राज्य बीजेपी की अनुसूचित जाति इकाई के सचिव हैं। वे रायगढ़ में चाय और पान की दुकान चलाते हैं।बीजेपी के मेयर प्रत्याशी जीव वर्धन चौहान की रेलवे काॅलोनी के पास सोनकर पारा में रहते हैं। जीव वर्धन चौहान विश्वासगढ़ चर्च के पास ओवरब्रिज के ठीक नीचे दुकान लगाते हैं। उन्हें दुकान चलाते करीब 27 साल हो चुके हैं। जीव वर्धन की जिंदगी में रविवार को एक नया मोड़ आया, जब भाजपा ने उन्हें महापौर पद के लिए प्रत्याशी चुना।
इस पद के लिए दावेदारों की लंबी लिस्ट थी, लेकिन अचानक जीव वर्धन चौहान का नाम सामने आने से अब उनकी दिनचर्या ही बदल चुकी है। सुबह उठने के बाद चाय की दुकान नहीं बल्कि आम जनता से मिलने का सिलसिला शुरू हो रहा है।
चाय के दुकान से राजनीति की शुरुआत
जीव वर्धन चौहान पत्नी और 4 बेटियों के साथ रहते हैं। उन्होंने बताया कि वे लंबे समय से पार्टी और संघ से जुड़े हुए हैं। चौहान का कहना है कि, उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा कुछ हो जाएगा। उन्हें महापौर चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा।
जीव वर्धन चौहान ने 1996 में भाजपा में सदस्यता ली थी। इसके बाद 1998 में पार्षद बने। साल 2004 में भाजयुमो नगर कार्यकारिणी में रहे। 2005 में भाजयुमो नगर मंत्री बने। भाजयुमो में ही नगर अध्यक्ष का भी पद संभाला है।
इसके अलावा साल 2010 में नगर निगम में एल्डरमैन बनाए गए थे। वर्तमान में जीव वर्धन चौहान प्रदेश मंत्री अजा मोर्चा, जिला भाजपा कार्यसमिति सदस्य, मोर्चा प्रभारी जिला जशपुर, 2023 से 2024 तक विधानसभा और लोकसभा में शक्ति केन्द्र प्रभारी हैं।
उनकी चाय की दुकान में ग्राहकों के अलावा वरिष्ठ नेता और अन्य कार्यकर्ता भी कभी-कभार आते रहते हैं। उन्होंने बताया कि महापौर पद के लिए उनका नाम सामने आने के बाद घर का माहौल पूरी तरह बदल चुका है और सभी काफी उत्साहित हैं।