नई दिल्ली // हेट स्पीच पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फिर से सख्त रुख दिखाया है। कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि जब भी कोई नफरत फैलाने वाला भाषण दिया जाए, वे बिना किसी शिकायत के एफआईआर दर्ज करने के लिए स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई करें। सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ किया है कि हेट स्पीच देने वाले व्यक्तियों के धर्म की परवाह किए बिना ऐसी कार्रवाई की जाए ताकि भारत के धर्मनिरपेक्ष चरित्र को जारी रखा जा सके।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इस तरह के मामले दर्ज करने में देरी को कोर्ट की अवमानना माना जाएगा। यह टिप्पणी तब की गई है जब शीर्ष अदालत हेट स्पीच के मामलों के खिलाफ कार्रवाई करने में राज्यों द्वारा कथित निष्क्रियता दिखाने के बैच की सुनवाई कर रहा था । हेट स्पीच को एक गंभीर अपराध करार देते हुए कोर्ट ने आगे कहा कि हेट स्पीच देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को प्रभावित करने में सक्षम है।.
बता दें कि कोर्ट ने सुनवाई करते हुए आज अपने 2022 में दिए गए उस आदेश का दायरा बढ़ाया है जिसने दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड पुलिस को हेट स्पीच मामलों के खिलाफ स्वत: कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था। कोर्ट ने अब सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को हेट स्पीच के खिलाफ मामले दर्ज करने को कहा है।-