गुजरात के साबरकांठा जिले से मानव तस्करी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां तीन साहूकारों ने एक सात साल की बच्ची को राजस्थान में एक व्यक्ति को 3 लाख रुपये में बेच दिया, ताकि बच्ची के पिता के द्वारा लिया गया कर्ज चुकाया जा सके. यह घटना 19 दिसंबर, 2024 को हिममतनगर सिटी ए डिवीजन पुलिस थाने में रिपोर्ट की गई. पुलिस ने अरवली जिले के मोडासा के अर्जुन नट, शरीफा नट और महिसागर जिले के बालासिनोर तालुका के देवागाम गांव के लाखपति नट के खिलाफ मामला दर्ज किया.
यह मामला तब उजागर हुआ जब पीड़ित परिवार ने अदालत में शिकायत दायर की, बजाय पुलिस से संपर्क करने के. अदालत के आदेश पर पुलिस ने 19 दिसंबर को मामला दर्ज किया और जांच शुरू की. जांच में यह सामने आया कि बच्ची को अजमेर के पास एक गांव में बेचा गया था.
जांच अधिकारी एस. बी. चौधरी ने बताया कि आरोपियों से यह पूछताछ की जा रही है कि बच्ची को कहां बेचा गया, उसे किसे बेचा गया और बिक्री से प्राप्त पैसे का क्या हुआ. “हम पैसे की वसूली के लिए भी प्रयास करेंगे. हम यह भी जानना चाहते हैं कि वे खाली कागजों पर जो हस्ताक्षर लेकर गए थे, उनका उपयोग किसी अन्य उद्देश्य के लिए किया गया था या नहीं,” चौधरी ने कहा. प्रारंभिक जांच में यह पाया गया कि लड़की के पिता एक मिस्त्री के तौर पर दैनिक मजदूरी करते थे. गिरफ्तार आरोपियों का भी जीवन यापन मजदूरी और घरेलू काम से होता था.
पुलिस को शक है कि इस अपराध में अन्य परिवार के सदस्य भी शामिल हो सकते हैं और उनकी भूमिका की जांच की जा रही है. आरोपियों के खिलाफ बीएनएस एक्ट और गुजरात मनीलेंडर्स एक्ट के तहत विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.