रायपुर 16 दिसंबर 2024। छत्तीसगढ़ के कोरबा में व्याप्त पर्यावरण प्रदूषण और राख की समस्या की गूंज आज संसद में सुनाई दी। कोरबा लोकसभा से सांसद ज्योत्सना महंत ने आज कोरबा में व्याप्त प्रदूषण की समस्या की तुलना देश की राजधानी दिल्ली से करते हुए संसद में सवाल उठाया। उन्होने पूछा कि दिल्ली से ज्यादा प्रदूषण उनके कोरबा लोकसभा क्षेत्र में है, जिससे लोग गंभीर बीमारियों से जूझ रहे है। ऐसे में इस समस्या से निपटने के लिए सरकार क्या कर रही है ? ज्योत्सना महंत के इस सवाल पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने जवाब देने का भरसक प्रयास किया, लेकिन सांसद महंत उनके जवाब से संतुष्ट नजर नही हुई।
देश की राजधानी दिल्ली प्रदूषण को लेकर हर वक्त मीडिया की सुर्खियों में रहती है। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर संसद में चिंता भी जतायी जाती है। लेकिन इस बार देश की संसद में दिल्ली की जगह छत्तीसगढ़ के औद्योगिक नगरी कोरबा जिला में बढ़ते प्रदूषण की गूंज सुनाई पढ़ी। कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत ने प्रदूषण के मुद्दे पर केंद्रीय पर्यावरण,वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव को घेरते हुए सवाल किया। उन्होने कोरबा जिले में संचालित पावर प्लांटोे से निकलने वाली राख से लगातार बढ़ रहे प्रदूषण पर गहरी चिंता जताते हुए सवाल पूछा। सांसद ज्योत्सना महंत ने कहा कि……“दिल्ली के प्रदूषण से बदतर स्थिति कोरबा लोकसभा क्षेत्र की है। कोरबा में एयर क्वालिटी 400 है, जो कि काफी गंभीर है। पावर प्लांट के कारण वायु प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। क्षेत्र में मौजूद पावर प्लांटों से बिजली का उत्पादन तो होता है। लेकिन इससे कई गुना ज्यादा राखड़ पैदा होती है।
जिसे अलग-अलग स्थानों पर फेंक दिया जाता है। जिसके कारण यहां पर रहने वाले लोगों को गंभीर बीमारियां हो रही है। इसके साथ ही वायु और जल प्रदूषण हो रहा है।” सांसद ज्योत्सना महंत ने सवाल उठाते हुए कहा कि….“सरकार पॉवर प्लांट्स से फायदा तो ले रही है, लेकिन बदले में जनता को कई सारी बीमारियां दे रही है। जिसमें अस्थमा, टीबी और कैंसर तक शामिल हैं। वायु प्रदूषण से प्रभावित होकर प्रतिदिन 500 से अधिक मरीज अस्पतालों की ओपीडी में आ रहे हैं। मैं सरकार से पूछना चाहती हूं कि इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए सरकार ने क्या योजना बनाई है ?” सांसद ज्योत्सना महंत के इस सवाल पर केंद्रीय पर्यावरण,वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने सरकार द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दे दी गयी। जिस पर ज्योत्सना महंत ने अपनी सहमति न जताते हुए मंत्री से इस समस्या के निदान के संबंध में दोबारा जानकारी चाही। लेकिन केंद्रीय पर्यावरण मंत्री इस गंभीर मुद्दे पर कोई ठोस जवाब नही दे सके।