कोरबा 15 दिसंबर 2024/फ्लोरा मैक्स कंपनी के सदस्य ठगी का शिकार हुईं महिलाएं मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर उनसे अनुरोध की है उनका लोन माफ करें, उनके द्वारा कहा गया है कि फ्लोरा मैक्स कंपनी कोरबा जिला एवं आस-पास के जिलों में महिलाओं को स्वरोजगार से आय प्राप्त करने के लिए सहायता करती थी। और यह संस्था विगत 3 वर्षों से कोरबा जिला में संचालित था संस्था के संचालक के द्वारा कहा गया कि महिलाएँ संस्था में सदस्य बने जो कि तीन सौ रू प्रति सदस्य देकर बन सकते है। जिससे संस्था सदस्य महिलाओं को स्वरोजगार का प्रशिक्षण प्रदान करती थी।
संस्था में तीस हजार रूपये जमा करके अपना व्यापार प्रारंभ कर सकती है।तीस हजार रूपये की राशि संस्था में जमा करने पर महिलाओं को संस्था का स्थाई सदस्य बनाया जाता था। और इस राशि की पावती भी दिया जाता था। साथ ही संस्था नित्यप्रयोग की घरेलु वस्तुएँ उक्त राशि के बदले इच्छुक महिलाओं को व्यवसाय हेतु प्रदान करती थी जिनको बेचकर महिलाएँ स्वरोजगार से आय प्राप्त करती है।
तीस हजार रूपये की राशि संस्था में जमा करने पर महिलाओं को संस्था का स्थाई सदस्य बनाया जाता था। और इस राशि की पावती भी दिया जाता था। साथ ही संस्था नित्यप्रयोग की घरेलु वस्तुएँ उक्त राशि के बदले इच्छुक महिलाओं को व्यवसाय हेतु प्रदान करती थी जिनको बेचकर महिलाएँ स्वरोजगार से आय प्राप्त करती है।संस्था सदस्यों को व्यवसायिक सामाग्री से आय के अतिरिका प्रति सदस्य प्रतिमाह सताईस सौ रूपये का सहायता राशि भी प्रदान करती है। जो कि सदस्यों को 24 माह तक प्रतिमाह दिया जाता है।
संस्था सदस्यों को व्यवसायिक सामाग्री से आय के अतिरिका प्रति सदस्य प्रतिमाह सताईस सौ रूपये का सहायता राशि भी प्रदान करती थी। जो कि सदस्यों को 24 माह तक प्रतिमाह दिया जाता है।उपरोका कार्य के प्रचार प्रसार हेतु संस्था ने अपने प्रचारक भी नियुक्त किये है जिनको संस्था में लेवर के रूप में संबोधित किया जाता है।
कार्यकर्ता को संस्था में नये सदस्य शामिल करने पर प्रति सदस्यों को 24 माह तक दो सो सत्तर रू का लाभ दिया जाता था। जब तक सदस्य को सताईस सी रूपये का सहायता राशि दिया जाता था
इत्स तरह से प्रचार के कारण कोरबा जिला एवं समीपवर्ती क्षेत्रों में महिलाओं ने बैंको से लोन लेकर संस्था में स्थाई सदस्यता प्राप्त की है। जो कि लगभग 35000 सदस्य होगें।
विगत वर्षों में संस्था के संचालक के द्वारा अपने कथन को सत्य साबित करते हुए सताईस सौ रूपये की सहायता राशि प्रति सदस्य प्रति माह प्रदान किया जाता रहा था।
सितम्बर माह 2024 संस्था में एक लूट की वारदात घटित हुआ जिसमें लुटरे धनराशि के साथ-साथ संस्था के वित्तीय लेन-देन के कागजात व कम्प्यूटर भी अपने साथ ले गये थे।
उक्त घटना के संस्था में वित्तीय परिस्थितियां बिगड़ गई है। और इस माह नवम्बर 2024 को संस्था के द्वारा सदस्यों को सताईस सौ रूपये की सहायता राशि नहीं प्रदान की गई ,
घटना के कारण जब संस्था ने इस माह नवम्बर 2024 को संस्था के द्वारा सदस्यों को सताईस सौ रूपये की सहायता राशि नहीं प्रदान किया तो सदस्यों को अपने लोन राशि का मासिक किस्त जमा लोन प्रदानकर्ता बैंको के द्वारा संस्था से जुड़े लोनबाही सदस्य महिलाओं को किश्त की राशि के लिए परेशान किया जा रहा है। जिस कारण से सभी महिला सदस्य ने मुख्यमंत्री से इस विकट परिस्थितियों को देखते हुए लोन माफ कराने की मांग रखी है
संस्था पर वित्तीय अनियमितता के आरोप के कारण आपराधिक प्रकरण दर्ज करके स्थानीय प्रशासन ने कार्यवाही करते हुए संचालक को हिरासत में लेकर कार्यालय व संस्था के व्यवसायिक दुकानों को शीलबंद कर दिया गया है।
कृपया लोन प्रदान करने वाले बैंकों से मासिक किश्तो की अदायगी में शिथिलता करते हुए लोन ग्राही महिलाओं को वर्तमान में महिलाओं से ऋण की वसूली आगामी आदेश तक न करें।
संस्था में नई संचालक समिति बनाकर महिलाओं को व्यवसायकि कार्यों को करने दिया जायें ताकि वे आय अर्जित कर अपने लोन को सुचारू रूप से अदा कर सके।
उक्त संस्था में प्रोलोभन दे कर बैंक कर्मचारी भी प्रत्येक सदस्यों को अलग अलग 9 से अधिक बैंको से लोन दिया गया जबकि प्रारंभिक लोन पूर्ण नही हो पाया था इससे प्रत्येक महिलाओं पर 9 से अधिक बैंक लोन किस प्रकार चुका पाएंगे।एवं सभी महिलाओं का ऋण माफ किया जाय।