बांस की टोकरी नहीं बिकती तो महतारी वंदन योजना की राशि बनती है मददगार

If bamboo baskets are not sold then the amount of Mahtari Vandan Yojana becomes helpful

बिरहोर सुनिता के खाते में हर माह आ जाती है एक हजार की राशि


कोरबा 07 दिसम्बर 2024/विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय से आने वाली बिरहोर सुनिता परम्परागत व्यवसाय से जुड़ी हुई है। वह बांस लाकर टोकरियां बनाती है। पति के सहयोग से सूपा, पर्रा, दौरी सहित अन्य घरेलू सामग्री बनाती है। बांस से बनी सामग्रियों को बेचने से जो आमदनी होता है उसी से ही सुनिता का घर चलता है। चूंकि इन सामग्रियों की बिक्री कभी होती है कभी नहीं होती, इसलिए सुनिता को अक्सर पैसे की कमी पड़ती थी। पैसा हाथ में नहीं होने से घर का जरूरी सामान भी नहीं ले पाते थे। इस बीच जब महतारी वंदन योजना प्रारंभ हुई और सुनिता के खाते में हर माह एक हजार की राशि आने लगी तो उनकी अनेक समस्या दूर हो गई। अब वह बेफिक्र है कि बांस की सामग्री बिके न बिके, एक हजार रूपए खाते में जरूर आ जाएंगे और घर का खर्च चलता रहेगा।
   पाली विकासखंड के अंतर्गत ग्राम डूमरकछार में रहने वाली बिरहोर जनजाति की सुनिता बाई ने बताया कि उसके हाथ में एक साथ कभी भी एक हजार रूपए नहीं आता था। बांस से जो घेरलू सामग्रियां बनती है, उसे कुछ पैसे में बेचकर जैसे-तैसे जीवन चला लेते हैं। जरूरी नहीं कि हर दिन नया सामग्री बन जाए और यह भी जरूरी नहीं कि बांस की बनी सामग्री हर दिन बाजार में बिक जाएं। ग्राहको के मोल-भाव के बीच कुछ रूपए मिल तो जाते हैं, लेकिन घर के अन्य कामों के लिए भी पैसे की आवश्यकता पड़ती है। उन्होंने बताया कि पति भी बांस की सामग्री बनाने में मदद करते हैं। बीपीएल का राशनकार्ड होने और सरकार द्वारा मुफ्त में अनाज देने से घर पर आर्थिक भार नहीं पड़ता। बिरहोर सुनिता बाई ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने महिलाओं के हित में निर्णय लेते हुए उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए महतारी वंदन योजना प्रारंभ की है। इस योजना से हर महीने खाते में एक हजार रूपए मिलता है, इस राशि का उपयोग घर में राशन के सामान के लिये होता है। कभी-कभी रिश्तेदारों के यहां जाने के लिए बस किराया सहित बच्चों के लिए जरूरी सामान खरीदने में भी महतारी वंदन योजना की राशि मददगार बन रही है।