ट्रिपल मर्डर: तीनों शवों का किया गया अंतिम संस्कार, आरोपी बेटा गिरफ्तार, ताले से ऐसे पकड़ाया

Triple murder: All three bodies were cremated, accused son arrested, caught using a lock

नई दिल्ली,06 दिसंबर 2024: दक्षिणी दिल्ली के देवली गांव में बीते 4 दिसंबर को हुए ट्रिपल मर्डल मामले में शुक्रवार को तीनों शवों का गांव खेड़ी तलवाना में अंतिम संस्कार किया गया। पति-पत्नी दोनों को एक ही चिता पर लिटाया गया जबकि बेटी की चिता अलग बनाई गई। तीनों शवों को मुखाग्नि मृतक राजेश के 15 वर्षीय भतीजे वंश ने मुखाग्नि दी। तीनों के शव यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए। ट्रिपल मर्डर मामले में खेड़ी गांव में चारों ओर सन्नाटा पसरा हुआ था। बता दें दक्षिणी दिल्ली के गांव देवली में 4 दिसंबर को बेटे अर्जुन ने अपने पिता राजेश, मां कोमल और बहन कविता की चाकू से गला रेत कर हत्या कर दी थी। बीती रात तीनों के शवों को उनके पैतृक गांव खेड़ी लाया गया। जैसे ही ग्रामीणों को इसकी सूचना लगी तो पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया।

मृतक राजेश के भाई मंदीप सिंह ने बताया कि उनके बड़े भाई राजेश, भाभी कोमल और भतीजी कविता तीनों का गांव खेड़ी में अंतिम संस्कार किया गया है। उनको मुखाग्नि भतीजे वंश ने दी है। उन्होंने बताया कि पुलिस जांच में कल शाम तक इमोशनल ड्रामा चल रहा था। शाम पांच बजे असली तस्वीर सामने निकलकर आई थी। पुलिस ने आरोपी अर्जुन से पूछताछ की तो उसने सब कुछ बता दिया था। मृतक राजेश के छोटे भाई मंदीप सिंह ने कहा कि उसका भतीजा अर्जुन गलत नहीं था। उसे मिसगाइड किया गया है। आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

पूर्व पंच सुनील कुमार ने बताया कि गांव को बसे हुए 500 से 600 साल हो गए। पहली ऐसी घटना हुई है। ग्रामीणों में मन में इस हादसे के बाद डर बैठ गया है। उल्लेखनीय है कि जब ये वारदात हुई तो मृतकों के बेटे को जिम में बताया गया था। पड़ोसियों के अनुसार वह सुबह 5 बजे जिम के लिए जाता था। मृतकों की पहचान राजेश (55), कोमल (47) और कविता (23) के तौर पर हुई थी। पुलिस के अनुसार, यह घटना सुबह 5 बजे से लेकर 7 बजे के बीच हुई थी।

पहले तो उसने कहानी सुनाई कि वो मॉर्निंग वॉक पर गया था, उसी दौरान किसी ने घर में घुसकर वारदात को अंजाम दे दिया, लेकिन पुलिस ने जब आस-पास लगे सीसीटीवी खंगाले तो सामने आया कि कोई घर में घुसा ही नहीं था। इसके अलावा न तो किसी ने घर के मैन गेट पर लगा तोड़ा और न ही ताले से किसी तरह की छेड़छाड़ हुई। बस ताले की बात को लेकर पुलिस को बेटे (अर्जुन) पर शक हुआ और जब उससे सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया।