छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या लगातार कम हो रही है। आये दिन बाघों की मौत और शिकार की घटनाएं सामने आ रही है। अब वन विभाग बाघों की सुरक्षा करने के लिए स्निफर डॉग की तैनाती करने जा रहा है। वन्यजीव प्रेमी नितिन सिंघवी के सुझाव पर वन विभाग ने ये फैसला लिया है। जिसके तहत प्रत्येक वृत्त स्तर पर एक-एक डॉग स्क्वाड की स्थापना होगी।
अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने इस मामले में सभी मुख्य वन संरक्षक, वन संरक्षक, समस्त संचालक, सभी डीएफओ और उप निदेशक टाइगर रिजर्व को पत्र जारी कर 1 सप्ताह के भीतर प्रस्ताव मांगा है, ताकि WWF इंडिया को प्रस्ताव भेजा जा सके और डॉक स्क्वाड गठन करने की दिशा में कुत्तों का प्रशिक्षण कराया जा सके।
दरअसल 18 अप्रैल को बाघों की सुरक्षा के संबंध में वन विभाग एवं एनटीसीए के अधिकारियों व स्थानीय एनजीओ व विशेषज्ञों की उपस्थिति में एक बैठक हुई थी। इस बैठक में वन्यजीव प्रेमी नीतिन सिंघवी ने भी शिरकत की थी। इस मौके पर सिंघवी ने बाघों की सुरक्षा के लिए डॉग स्क्वाड का गठन करने का सुझाव किया था, जिस पर वन विभाग की टीम ने गंभीरता पूर्वक विचार किया और अब उस पर अमल करने की तैयारी में हैं।
अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने कहा है कि किसी योजना और सुझाव के लिए अगर बजट की जरूरत है, उसका प्राक्लन मांग पत्र के साथ भेजें। साथ ही वनों व वन्यप्रेमियों से संबंधित वन अपराध के प्रकरणों में अपराधियों को पकड़ने में सहायता के लिए प्रत्येक वृत स्तर पर एक-एक डॉग स्क्वाड की स्थापना के लिए विस्तृत प्रस्ताव सात दिन के भीतर भेजना सुनिश्चित करें।
सिम्बा और नेरो छत्तीसगढ़ वन विभाग के पहले sniffer डॉग्स
सिम्बा बेल्जियम मैलिनाइस ब्रीड और नेरो जर्मन शेफ़र्ड ब्रीड को बी.एस.एफ. अकादिमी ग्वालियर से 10 माह की ट्रेनिंग दिलवाकर october 2016 में अचानकमार टाइगर रिज़र्व लाया गया था, तब उनकी उम्र लगभग 2 से 2.5 वर्ष की थी।7 साल की सेवा के बाद दोनों मार्च-अप्रैल 2023 में रिटायर हो गए। इस बीच पूरे प्रदेश में अलग-अलग जगहों में दोनों ने सेकड़ों अपराधियों तक पहुचने में वन विभाग की मदद की। यहाँ तक की हत्या और चोरी के 10 से ज्यादा प्रकरणों में अपराधियों तक पहुचने के लिए पोलिस ने भी दोनों से मदद ली।
रिटायरमेंट के बाद वो अपने हेन्डलर के साथ रहे 14 जुलाई 2024 को सिम्बा और अगस्त 2024 को नेरो ने अंतिम सांस ली।नितिन सिंघवी ने मांग की थी कि sniffer डॉग्स को भी रिटायरमेंट के बाद पेंशन दी जाये ताकि उनके खाने दवाई का खर्च की व्यवस्था में कोई कमी न हो इस पर वन विभाग ने सहमति दे कर 18.04.2024 की बैठक में मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) बिलासपुर को प्रस्ताव भेजने के लिए आदेशित किया था। बैठक में नितिन सिंघवी ने वन्यजीवों का शिकार और अपराध रोकने के लिए हर राष्ट्रीय उद्यान, टाइगर रिजर्व, वन्य प्राणी अभ्यारण सहित वन विभाग के हर वृत में sniffer डॉग्स स्क्वायड की स्थापना का सुझाव दिया था।
अभी छत्तीसगढ़ में वन विभाग के चार स्निफर
अभी छत्तीसगढ में वन विभाग के चार स्निफर हैं। ये सभी अलग-अलग जिलों में अलग-अलग ड्यूटी में तैनात हैं। कांकेर में रोजी जर्मन शेफर्ड नस्ल का कुत्ता है। वहीं जंगल सफारी में वीरा नाम का जर्मन शेफर्ड डॉग है। जबकि गोमर्दा में जूली और जेस्सी नाम की बेल्जियम शेफर्ड नस्ल की डॉग है।