अपराध छिपाने जंगल में शव छिपाकर हुए थे फरार, पुलिस ने सबूत जुटाकर आरोपियों को किया गिरफ्तार ।
● गैर इरादतन हत्या और साक्ष्य छिपाने के अपराध में चक्रधरनगर पुलिस ने दोनों आरोपियों को भेजा रिमांड पर, गए जेल ।
रायगढ़, 12 अगस्त (वेदांत सामाचार) । चक्रधरनगर थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाली घटना सामने आया है। 09 जुलाई को ग्राम नटवरपुर के तेजकुमार धनवार ने अपने पिता सुग्रीव धनवार के 07.08.2024 से लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराया था। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि सुग्रीव धनवार (उम्र 60 वर्ष) की मौत बिजली के करंट से हुई थी, जो अवैध शिकार के लिए लगाए गए तार से हुआ है।
घटना के दिन (07 जुलाई) को सुग्रीव अपने भाई हीरालाल के साथ गांव बलभद्रपुर गए थे, जहां दोनों ने शराब पी थी। वापस लौटते समय जंगल रास्ते में सुग्रीव धनवार करंट लगने से वहीं गिर गया जिसे हीरालाल उसी हालत में छोड़कर घर लौट आया। अगले दिन जब सुग्रीव की तलाश शुरू हुई, तब हीरालाल ने घटना की जानकारी दी। सुग्रीव के घरवाले जंगल जाकर देखे वहां कोई नहीं मिला । तब खोजबिन कर थाने में गुम इंसान रिपोर्ट दर्ज कराये ।
थाना प्रभारी चक्रधरनगर निरीक्षक प्रशांत राव ने घटना को गंभीरता से लेते हुए गुम इंसान जांच में लापता हुए सुग्रीव के घरवालों से पूछताछ का सिलसिला शुरू किया गया । इस दौरान गांव के गुड्डू धनवार (19 साल) की गतिविधि संदिग्ध पाई गई जिसे घटना के दिन के संबंध में कड़ाई से पूछताछ करने पर उसने कबूल किया कि उसने और नीलकंठ राठिया उर्फ भूरी (23 साल) ने बलभद्रपुर जंगल में अवैध शिकार के लिए बिजली के तार लगाए थे, जिससे सुग्रीव की मौत हो गई थी। पकड़े जाने के डर से उन्होंने शव को जंगल में छिपा दिया था। पुलिस ने तत्काल धर पकड़कर आरोपी नीलकंठ राठिया को हिरासत में लिया । आरोपियों की निशानदेही में शव को बिछाये कंरट वाले स्थाने से काफी दूर झाडियों से बरामद कर मृतक के वारिसान से पहचान कराया गई । दोनों आरोपियों के खिलाफ अप.क्र. 371/2024 धारा 105, 238, 3(5)बीएनएस, 135 विद्युत अधिनियम का अपराध कायम कर गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों से घटना में इस्तेमाल किए गए लगभग 1 किलो जेआई तार एवं जिस साइकिल शव को अन्यंत्र ले जाकर छिपाया गया उस साइकिल को भी बरामद कर लिया गया है । थाना प्रभारी चक्रधरनगर निरीक्षक प्रशांत राव के हमराह सहायक उप निरीक्षक नंद कुमार सारथी, प्रधान आरक्षक श्यामदेव साहू, हेमप्रकाश सोन आरक्षक सुशील मिंज और रूपराम साहू की आरोपियों की पतासाजी, गिरफ्तारी में अहम भूमिका रही है ।