छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों के लिए मेडिकल कैशलेश जल्द, कैशलेस चिकित्सा सेवा कर्मचारी कल्याण संघ की देर रात मुख्यमंत्री से मुलाकात, मुख्यमंत्री ने दिया ठोस आश्वासन

Medical cashless soon for employees in Chhattisgarh, Cashless Medical Service Employees Welfare Association met the Chief Minister late night, Chief Minister gave solid assurance

रायपुर 8 अगस्त 2024। छत्तीसगढ़ में मेडिकल कैशलेस का रास्ता अब साफ हो गया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी संकेत दिये हैं कि छत्तीसगढ़ में जल्द ही कर्मचारियों के लिए कैशलेश मेडिकल की सुविधा लागू की जा सकती है। छत्तीसगढ़ कैशलेस चिकित्सा सेवा कर्मचारी कल्याण संघ की बुधवार की देर रात मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात हुई। मुख्यमंत्री ने संघ की बातों को गंभीरतापूर्व सुनने के बाद इसे लेकर संजीदगी दिखाते हुए सार्थक आश्वासन दिया।

दरअसल छत्तीसगढ़ कैशलेस चिकित्सा सेवा कर्मचारी कल्याण संघ पिछले 3 वर्षों से छत्तीसगढ़ के सभी कर्मचारी एवं पेंशनर्स तथा उन सभी के परिवार के लिए मेडिकल कैशलेस की मांग करता आ रहा है। संघ प्रमुखों के द्वारा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, स्वास्थ्यमंत्री एवं वित्त मंत्री के नाम से मेडिकल कैशलेस लागू करने के लिए आग्रह किया जाता रहा है। बुधवार देर रात संगठन के संरक्षक राकेश सिंह एवं प्रदेश पदाधिकारियों ने सीएम हाउस में मुख्यमंत्री से मुलाकात की। लगभग 20 मिनट चली इस मुलाकात में प्रदेश की टीम के द्वारा मुख्यमंत्री से निवेदन किया गया कि छत्तीसगढ़ के सभी कर्मचारी परिवार के लिए मेडिकल कैशलेस सुविधा अत्यंत जरूरी है। राकेश सिंह ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी, कि यदि छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश के समस्त कर्मचारी के लिए यह योजना लागू करती है तो छत्तीसगढ़ सरकार को किसी भी प्रकार का वित्तीय भार का सामना नहीं करना पड़ेगा, बल्कि सरकार पर प्रदेश के समस्त कर्मचारी एवं उनके परिवार का विश्वास बढ़ेगा।

उन्होंने मुख्यमंत्री को अवगत कराते हुए यह भी बताया कि शासन के द्वारा मेडिकल प्रतिपूर्ति की जो सुविधा दी जाती है, उस प्रतिपूर्ति को प्राप्त करने में कितनी मुश्किलों का सामना कर्मचारियों को करना पड़ता है। साथ ही कर्मचारियों द्वारा खर्च किए गए राशि का कुछ हिस्सा ही उन्हें प्राप्त हो पाता है। उन्होंने मानवीय संवेदनाओं की बात करते हुए छत्तीसगढ़ के मुखिया को यह भी बताया कि कर्मचारी एवं उसके परिवार के इलाज के लिए अक्सर यह देखा गया कि कर्मचारियों की जमा पूंजी ,जो वह अपने बच्चों की शादी के लिए, बच्चों की पढ़ाई के लिए या नया घर बनवाने के लिए राशि एकत्र करते हैं, वो इलाज में खर्च हो जाता है।

वही आजूराम सिन्हा ने ने बताया कि देश के दो राज्यों में इस प्रकार की सुविधा उनके कर्मचारियों को दी जाती हैं, मगर वहां मेडिकल प्रतिपूर्ति की सुविधा दी जाती है, जिससे वहां की सरकार को अतिरिक्त आर्थिक भार का बोझ उठाना पड़ता है। छत्तीसगढ़ कैशलेश चिकित्सा सेवा कर्मचारी कल्याण संघ के द्वारा मुख्यमंत्री के समक्ष जो सुविधाएं और मांग पत्र रखी गई, इससे पूरे भारत पटल पर छत्तीसगढ़ के  मुख्यमंत्री की प्रशंसा होगी। वहीं विजय कोचेन्द्र ने यह भी कहा कि हमें किसी दूसरे राज्य की मेडिकल कैशलेस सुविधा की कॉपी करने से बचना चाहिए। हमें छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों के लिए एक ऐसी सुविधा कर्मचारी पेंशनर एवं उनके परिवार को दी जानी चाहिए जो पूरे भारतवर्ष के लिए एक मिसाल साबित हो।

आपको बता दे कि पिछले तीन वर्षों में संगठन के द्वारा स्वास्थ्य मंत्री, वित्त मंत्री, स्वास्थ्य सचिव एवं वित्त सचिव से मिलकर इस कार्य को आगे बढ़ाने के लिए प्रयास किया जा रहा है।  उषा चंद्राकर के नेतृत्व में उठने वाली इस मांग पर शासन ने पहल करते हुए संगठन को चर्चा के लिए पत्र के माध्यम से बुलाया भी और बहुत ही जल्द इस मुद्दे पर सरकार के द्वारा कर्मचारियों को सौगात भी दी जा सकती है। आज मेडिकल कैशलेस की मांग छत्तीसगढ़ के समस्त संगठनों का प्रमुख मुद्दा बन चुका है। आपको बता दें कि पिछले दो अगस्त को संगठन का एक प्रदेश स्तरीय कर्मचारी संगोष्ठी एवं अभिनंदन समारोह जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की उपस्थिति में होना तय था, मगर अपरिहार्य कारणों से संगठन के द्वारा इस संगोष्ठी आयोजन को आगामी तिथि के लिए स्थगित कर दिया गया। मुलाकात करने वालों में प्रदेश संगठन के पदाधिकारी बिसाहू राम कृषिकांत गिलहरे आजू राम सिन्हा विजय कोचंद्र एवं राकेश सिंह उपस्थित थे।

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