ह्रदय रोग के मरीजों का कोरबा में बड़े शहरों जैसा उपचार हुआ संभव, एनकेएच में एक दिन में हुआ 10 एंजियोग्राफी व 5 एंजियोप्लास्टी

हृदय रोगीयों को, त्वरित ईलाज मिलने से लाइफ रिस्क में आई कमी

कोरबा। शहर के सुपर स्पेशिलिटी हास्पिटल एनकेएच में कैथलैब की सुविधा प्रारंभ होने से हृदयरोगियों को एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी व पेसमेकर से संबंधित जानकारी व इलाज में काफी राहत मिली है अब लोगों को बड़े शहरों की ओर रुख करना नहीं पड़ रहा है जो कम रुपये में संभव हो गया है। कम समय में अपने शहर में सुविधा मिल जाने से उनकी जीवन रक्षा हो रही है।
अस्पताल में एक हप्ते में हृदयरोग से पीड़ित लगभग 20 मरीज एनकेएच पहुंचे। इनमें से सभी मरीजों को त्वरित उपचार लाभ प्रारम्भ किया गया। विशेषज्ञ डॉ.एस.एस. मोहंती की देखरेख में आवश्यक परीक्षण बाद 10 रोगियों का एंजियोग्राफी कराया गया। इनमें से 5 मरीज का एंजियोप्लास्टी की गई। अब ये सभी पूरी तरह से स्वस्थ हैं।
उल्लेखनीय है कि कोरबावासियों को कम खर्च में बड़े शहरों की तरह उपचार की उच्च स्तरीय सुविधाएं मुहैया कराने के लिए 1 वर्ष पूर्व प्रतिबद्ध एनकेएच प्रबंधन ने कैथलैब का शुभारंभ किया । ईसीजी, ईको, टीएमटी, कार्डियक प्रोफाइल ये चार सुविधाएं एनकेएच अस्पताल में पहले से ही प्रदाय की जा रही हैं। अस्पताल प्रबंधन ने इसमें वृद्धि करते हुए एंजियोग्राफी व एंजियोप्लास्टी सुविधा प्रारंभ की है। रायपुर के सुपर स्पेशलिस्ट व ह्दय रोग विशेषज्ञ डॉ.सतीश सूर्यवंशी व डॉ.एस. एस. मोहंती, डॉ भरत  अग्रवाल एनकेएच में अपनी सेवाएं निरंतर दे रहे हैं। महीने के प्रत्येक माह में 4 से 6 बार विजिट कर मरीजों को अपनी सेवाएं दे रहे हैं। तथा आपात परिस्थितियों में आकर उपचार लाभ दे रहे हैं।

बड़े शहरों की तरह हृदय रोगियों का सफलता पूर्वक उपचार अब कोरबा में…

एनकेएच ग्रूप ऑफ हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. एस. चंदानी ने बताया कि हृदय रोग के मरीजों को बाहर जाने का समय के साथ -साथ अन्य खर्च में भी काफी बचत हो रही है और उनकी जिंदगी बचाने में सफल हो रहे हैं। 1 वर्ष पूर्व प्रतिबद्ध एनकेएच प्रबंधन ने कैथलैब का शुभारंभ किया। कार्डियोलाजी विभाग में संचालित हो रही कैथलैब जिले में ऐसी पहली लैब है, जहां सभी सुविधाएं एक साथ मिल रही हैं। बड़े शहरों की तरह हृदय रोगियों का सफलता पूर्वक उपचार अब कोरबा में होने लगा है।

0 क्या कहते है हृदय रोगी मरीज

चांपा निवासी मधुती देवी ने बताया कि मुझे 3 दिन पहले अचानक छाती में तेज दर्द के साथ घबराहट व बेचैनी महसूस हुई तो मैं अपने परिजन के साथ अस्पताल पहुंची। प्राथमिक जांच उपरांत  पता चला कि मेरे दिल में ब्लॉकेज है डॉक्टर ने एंजियोप्लास्टी के लिए सुझाव दिया। मुझे सफलतापूर्वक इलाज मिला और मेरा एंजियोप्लास्टी हुआ और मैं पूर्णत: स्वस्थ हूं. कोरबा में कैथलैब सुविधा होने से बड़ी राहत मिली। वहीं बालको से सेवानिवृत रामप्रसाद राठौर को भी सीने में दर्द और घबराहट के साथ-साथ पैर हाथ पूरी तरह से सुन हो गए थे उन्हें आनन फानन में बालको अस्पताल लाया गया, जहां से न्यू कोरबा अस्पताल रेफर कर दिया गया। जांच के बाद पता चला की दिल का दौरा आया है दिल में दबाव बना हुआ था तब एंजियोप्लास्टी की गई। और अब पूर्णत: स्वस्थ है इनका भी मानना है कि कोरबा के NKH में कैथलैब सुविधा होने से जान बच पाई। इसी तरह बाकी मरीजों का भी मानना है कि कोरबा में हृदय रोग संबंधी कैथलैब की सुविधा मिलने से हृदय रोगियों के लाइफ रिस्क में कमी आई है।