CBSE ने इन कक्षाओं के पाठ्यक्रम बदलने का लिया फैसला 3 और 6 की किताबें बदल दी ….नई पाठ्यपुस्तकें लागू का निर्देश जारी

CBSE has decided to change the syllabus of these classes. Books of classes 3 and 6 have been changed….Instructions issued to implement new textbooks

CBSE New Books: सीबीएसई ने कक्षा 3 और कक्षा 6 के पाठ्यपुस्तकों में बदलाव किया है और इसे लागू करने के लिए अपने सभी स्कूलों को निर्देश जारी किया गया है. नई किताबें 1 अप्रैल से शुरू हो रहे नए शैक्षणिक सत्र से लागू की जाएंगी.

रायपुर,26 मार्च। CBSE New Books: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने क्लास 3 और 6 की किताबें बदल दी है. अब इन कक्षाओं में नई किताबें पढ़ाई जाएंगी. सीबीएसई ने सभी संबद्ध स्कूलों को इस संबंध में निर्देश जारी किया है. सीबीएसई ने अपने सभी स्कूलों से कहा कि वह एनसीआरईटी की ओर से निर्धारित कक्षा 3 और 6 के लिए नए पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों का पालन करें.राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद ने 18 मार्च को एक पत्र के माध्यम से सीबीएसई को सूचित किया है कि ग्रेड 3 और 6 के लिए नए पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकें जल्द ही जारी की जाएंगी.

CBSE New Books: नतीजतन स्कूलों को सलाह दी जाती है कि वे वर्ष 2023 तक एनसीईआरटी द्वारा प्रकाशित पाठ्यपुस्तकों के स्थान पर कक्षा 3 और 6 के लिए इन नए पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों का पालन करें.सीबीएसई ने जारी अपने आधिकारिक अधिसूचना में कहा कि एनसीईआरटी द्वारा कक्षा 6 के लिए एक ब्रिज कोर्स और कक्षा 3 के लिए संक्षिप्त दिशानिर्देश भी विकसित किए जा रहे हैं, ताकि छात्रों को एनसीएफ-एसई 2023 के अनुरूप पढ़ाई कराई जा सकें. बोर्ड स्कूल प्रमुखों और शिक्षकों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम भी आयोजित करेगा, ताकि उन्हें एनईपी 2020 के अनुसार तैयार किया जा सकें.

CBSE New Books: वहीं निर्देश जारी कर सीबीएसई ने यह भी स्पष्ट किया है कि 1 अप्रैल 2024 से शुरू होने वाले शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लिए अन्य कक्षाओं के पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों में कोई बदलाव नहीं होगा. आधिकारिक नोटिस के अनुसार स्कूलों के लिए पाठ्यक्रम दस्तावेज के प्रारंभिक पृष्ठों में उल्लिखित पाठ्यक्रम निर्देशों का पालन सुनिश्चित करना अनिवार्य है.विषयों को निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार पढ़ाया जाना चाहिए, जिसमें जहां भी संभव हो, बहुभाषावाद, कला-एकीकृत शिक्षा, अनुभवात्मक शिक्षा और शैक्षणिक योजनाओं जैसी पद्धतियों को शामिल किया जाना चाहिए.