मुख्यमंत्री श्री साय की आत्मीयता ने मोह लिया युवाओं का मन, विद्यार्थियों से चर्चा कार्यक्रम में खुलकर पूछे प्रश्न

The cordiality of Chief Minister Shri Sai captivated the minds of the youth, students openly asked questions in the discussion program

विद्यार्थियों से चर्चा कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने युवाओं को किया प्रेरित, आगे बढ़ने और राष्ट्र निर्माण के लिए किया प्रेरित,मुख्यमंत्री ने युवाओं से कहा कि आपसे बातचीत करना बहुत अच्छा लगता है, आपकी ऊर्जा प्रभावित करती है राष्ट्र का उज्ज्वल भविष्य आपके हाथों में है

रायपुर, 26 जनवरी, 2024। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जब भी अवसर मिलता है युवाओं से चर्चा करना पसंद करते हैं। अपनी चर्चाओं के दौरान वे न केवल युवा मन को सुनते हैं अपितु उन्हें आगे बढ़ने और राष्ट्र निर्माण के काम में जुटने के लिए प्रेरित भी करते हैं। जगदलपुर में ज्ञान गुड़ी केंद्र अर्थात ज्ञान की पवित्र जगह के लोकार्पण के अवसर पर उन्होंने विद्यार्थियों से चर्चा कार्यक्रम का निर्णय लिया। इसमें बस्तर संभाग के युवाओं से मुख्यमंत्री ने चर्चा की। मुख्यमंत्री की सरलता-सहजता और आत्मीयता से युवा बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने मुख्यमंत्री से बहुत से प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासाओं का समाधान किया। मुख्यमंत्री ने चर्चा के समापन के अवसर पर युवाओं सेकहा कि आपसे बातचीत करना बहुत अच्छा लगता है। युवाओं की ऊर्जा प्रभावित करती है। राष्ट्र का उज्ज्वल भविष्य आपके हाथों में है इसलिए आपको सशक्त करने आपसे मिलता-जुलता रहता हूँ। पूरी चर्चा ने युवा दिलों को छू लिया। युवाओं ने मुख्यमंत्री को उनका पोट्रेट भी भेंट किया।


मैकाले की शिक्षा पद्धति में था दोष, मोदी जी की नई शिक्षा नीति विद्यार्थियों का डर दूर कर देगी


मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बस्तर संभाग के अपने दौरे में जगदलपुर में ज्ञान गुड़ी के लोकार्पण के अवसर पर विद्यार्थियों से चर्चा भी की। मुख्यमंत्री ने युवाओं को अपने प्रश्न और जिज्ञासा खुलकर रखने के लिए प्रोत्साहित किया। बस्तर की कंचन यादव ने मुख्यमंत्री से पूछा कि जिन्हें परीक्षा से डर लगता है वे यह डर कैसे दूर करें। प्रश्न का उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मैकाले की शिक्षा पद्धति का यह दोष था कि वो विद्यार्थियों को डराती थी। इसमें विद्यार्थियों पर भारी दबाव रहता था। हमारे प्रधानमंत्री हमेशा से विद्यार्थियों से संवाद करते हैं। विशेष रूप से बोर्ड परीक्षाओं के दौरान वे हमेशा विद्यार्थियों को तनाव मुक्त रहने के लिए सुझाव देते हैं। विद्यार्थियों से किये गये संवाद में उन्होंने पाया कि मैकाले की शिक्षा पद्धति विद्यार्थियों पर परीक्षा का तनाव लादती है। शिक्षा पद्धति में सुधार किये जाने की जरूरत है और फिर उन्होंने नई शिक्षा नीति लागू की। इसमें विद्यार्थी के समग्र विकास के लिए पूरी गुंजाइश होती है। मुख्यमंत्री ने कंचन को बताया कि प्रधानमंत्री विद्यार्थियों से चर्चा करने हमेशा उत्सुक रहते हैं। मैं आपको बताना चाहूँगा कि 29 जनवरी को भी उन्होंने विद्यार्थियों से संवाद का कार्यक्रम रखा है।
मुख्यमंत्री के बेहद सरल-सहज व्यक्तित्व के चलते

युवाओं ने अपनी जिज्ञासा उनके समक्ष रखी। मुख्यमंत्री ने इन सभी का समाधान किया और बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में नई सरकार किस तरह से आगे बढ़ने जा रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि शिक्षा तब कारगर होती है जब उसमें देशी संस्कार और परंपरा को शामिल किया जाता है। भारत की पुरानी शिक्षा पद्धति को छोड़कर अंग्रेजों ने मैकाले की पद्धति को लागू किया। यह पद्धति तब से बदस्तूर चल रही थी जबकि दुनिया कितनी आगे निकल चुकी है। अब डिजिटल दुनिया आ गई है। प्रोफेशनल कोर्सेस का महत्व बढ़ा है। जनरल सिलेबस के साथ ही योग और फिजिकल फिटनेस से जुड़ी बातों को भी शिक्षा प्रणाली में शामिल करना था। यह सब देखते हुए प्रधानमंत्री ने नई शिक्षा नीति लागू की है।
जगदलपुर की ऐश्वर्या नायर ने मुख्यमंत्री से पूछा कि बस्तर में शिक्षा को लेकर आपकी क्या सोच है। मुख्यमंत्री ने बताया कि बस्तर में बेहतर शिक्षा पर हमारा हमेशा से फोकस रहा। हमारी पूर्ववर्ती सरकार ने दंतेवाड़ा में एजुकेशन सिटी बनाई। बस्तर में एजुकेशन पर इतना बड़ा काम पहले कभी नहीं हुआ था।


सबसे पहला विद्यालय परिवार, माँ-पिता गुरु
प्राथमिक शालाओं में शिक्षा पर आप क्या सोचते हैं। इस प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें यह समझना चाहिए कि बच्चों की पहली पाठशाला तो उनका परिवार होता है। इसलिए माता-पिता की अहम जिम्मेदारी है कि बच्चों की शिक्षा की नींव सबसे अच्छी हो। फिर आंगनबाड़ी केंद्र होता है और प्राथमिक शाला होती है। यह नींव है। यह मजबूत रहेगी तो आगे की पढ़ाई का ढांचा ठोस रहेगा।


मेडिकल कालेज जगदलपुर में सीटे बढ़ाएंगे
अंकिता ठाकुर ने कहा कि बस्तर के बेटे-बेटियां चाहते हैं कि यहीं मेडिकल कालेज में पढ़ाई करें और यहीं सेवाएं दें। यदि मेडिकल कालेज में सीटें बढ़ जाएंगी तो उन्हें उचित अवसर मिल पाएगा। मुख्यमंत्री ने अंकिता को इस संबंध में आश्वस्त किया।

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